सरकारी अस्पताल में प्रसव के नाम पर दिव्यांग दम्पति से वसूले पच्चीस सौ रुपये
कौशाम्बी। मंझनपुर स्थित संयुक्त जिला अस्पताल में प्रसव के लिए आये दिव्यांग प्रसूता से 25 सौ रुपये ले लिए। आरोप है कि प्रसव के पश्चात दवा उनसे अस्पताल के बाहर मेडिकल स्टोर से मगाई गई। पीड़ित ने अस्पताल कर्मचारियों की वसूली की शिकायत बुधवार को सीएमएस से की है। सीएमएस ने मामले को संज्ञान में लेकर पूरे प्रकरण की जांच करा कार्रवाई की बात कही है।पश्चिम शरीरा कोतवाली क्षेत्र के भगवतपुर गांव में रहने वाले सुखरानी व रावेन्द्र दिव्यांग दम्पत्ति है। मंगलवार दोपहर बाद प्रसव पीड़ा होने पर रावेन्द्र पत्नी सुखरानी को रिश्तेदारों की मदद से सरकारी अस्पताल लेकर पंहुचा। मंझनपुर स्थित संयुक्त जिला अस्पताल के एमसीएच विंग में उसे भर्ती कर लिया गया। आरोप है कि प्रसूता दिव्यांग महिला को गंभीर बता कर एमसीएच विंग की स्टॉफ ने उनसे निजी अस्पताल में शिफ्ट कराये जाने का दबाव बनाया। गरीबी का हवाला देकर पीड़ित परिजन सरकारी अस्पताल से अन्यत्र इलाज को तैयार नहीं हुए तो उनसे 25 सौ रुपये प्रसव कराये जाने के नाम पर वसूल किये गए। पीड़ित ने बुधवार को वसूली की शिकायत अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से की है।
रावेन्द्र की मां यसोदिया ने बताया, अस्पताल के वार्ड में भर्ती होने के बाद से उन्हें कहा जाने लगा कि मरीज की हालत बहुत खराब है, उसे प्रयागराज या फिर निजी अस्पताल में ले जाओ। अस्पताल में इलाज नहीं हो पायेगा। पीड़ित से रुपये न होने की असमर्थता जताई। इस पर अस्पताल के प्रसव कक्ष में स्टॉफ ने प्रसव कराये जाने की एवज में 25 सौ रुपये ले लिया। कहा रुपये मिले बिना प्रसव नहीं कराएगी। बाद में दवा भी बाहर से मंगवाई गई।
सीएमएस डॉ दीपक सेठ ने बताया, दिव्यांग प्रसूता व पति से रुपये लिए जाने की शिकायत प्राप्त हुई है। प्रकरण की जांच के निर्देश दिए गए है। रुपये लेने वाले कर्मचारी व स्टाफ को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी।
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