भोजपुर में ग्राम सचिवों की कमी से गांवों के विकास की धीमी पड़ी गति

भोजपुर में ग्राम सचिवों की कमी से गांवों के विकास की धीमी पड़ी गति

Reported By BORDER NEWS MIRROR
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आरा ।भोजपुर जिले के ग्राम पंचायतों और ग्राम पंचायतों से जुड़े गांवों के विकास में पंचायत सचिवों की भारी कमी बड़ी बाधा बनकर सामने आ रही है।जिले में पंचायत सचिवों की भारी कमी से गांवों में विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में देर हो रही है जिससे गांवों का विकास अवरुद्ध हो रहा है।

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भोजपुर जिले में कुल 226 ग्राम पंचायतें हैं जबकि फिलहाल यहां कार्यरत पंचायत सचिवों की संख्या मात्र 41 है।गांव के विकास में पंचायत सचिव की भूमिका अहम मानी जाती है ऐसे में मात्र 42 पंचायत सचिवों के भरोसे 226 ग्राम पंचायतों के विकास का सपना पूरा नही हो सकेगा।एक एक पंचायत सचिव पर कई कई ग्राम पंचायतों के काम का बोझ है।इससे गांवों के विकास को लेकर कार्यान्वित योजनाओं को पूरा करने में काफी समय लग रहा है।

भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखण्ड और बड़हरा प्रखण्ड में क्रमशः 20 और 22 पंचायतें हैं जबकि यहां मात्र तीन तीन ग्राम सचिव ही कार्यरत हैं।बिहियाँ प्रखण्ड में तो मात्र एक ग्राम सचिव हैं और यहां गांवों का विकास भगवान भरोसे है। 14 ग्राम पंचायतों वाले बिहियाँ प्रखण्ड में गांवों के विकास की रफ्तार थमने लगी है।यही स्थिति लगभग सभी 14 प्रखण्डों में है जहां ग्राम सचिवों की भारी कमी से गांवों के विकास पर ब्रेक लगने लगा है।ग्राम सचिव गांवों के विकास की महत्वपूर्ण कड़ी हैं।इनके जिम्मे जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र,वृद्धा पेंशन योजना,कबीर अंत्येष्ठि योजना,कन्या विवाह योजना,पंचम वित्त योजना, सात निश्चय योजना सहित कई विकास योजनाओं को भी कार्यान्वित कराने की अहम जिम्मेदारी है।

भोजपुर जिले में ग्राम सचिवों की भारी कमी से गांवों के विकास की गति धीमी होने लगी है।गांव की सरकार ग्राम सचिवों की कमी से गांवों का कैसे विकास करेगी,यह सवाल अब बीडीओ,सीओ,एसडीओ और डीडीसी जैसे प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी सरदर्द साबित होने लगा है

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