सागर सूरज
मोतिहारी: प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई रामगढ़वा के द्वारा मोतिहारी के एक स्कूल में गत दिनों किये गए कांसलिंग में मेधा अंकों के हेर फेर की बड़े पैमाने पर शिकायतें मिली है| आरोप है कि शिक्षा माफिया इस बहाली में इतना सक्रिय था कि मेघा सूची में कम अंक वाले लोगों की कांसिलिंग तो की गयी परन्तु जयादा अंक वाले गेट पर अपनी पारी का इंतज़ार करते रहे और कांसिलिंग समाप्त हो गयी|
यही नहीं मेघा अंकों के अलावे भी कई ऐसी अनियमितता बरती गयी, जिसका स्पष्ट प्रमाणों के अवलोकन के बाद अधिकारी सकते में है और कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर गाज गिरने की संभावना भी प्रबल हो गयी है|
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एनआईसी द्वारा अपलोड किये गए अंतिम मेघा सूची पर अगर नजर डाले तो संतोष कुमार ठाकुर एवं ब्रिजेश कुमार महतो का दो जगहों पर मेघा सूची में नाम अंकित किया गया जबकि नियमानुसार एक अभ्यर्थी को एक ही जगह आवेदन देना था| आरक्षण रोस्टर की बात करे तो इसमें भी जमकर घाल- मेल करने की सूचना है| प्रियदर्शिनी का मेघा अंक 67.67, अर्चना कुमारी का मेघा अंक 67.28, नीतू कुमारी का मेघा अंक 66.63, इस्किल अंसारी का मेघा अंक 66.13 है| अनारक्षित में जो अभ्यर्थी है , उनसे अधिक अंक वालों को आरक्षण कोटि में चयनित किया गया है|
यहाँ तक की नाम पुकारा गया किसी और कैटोगोरी के लिए और आरक्षण श्रेणी में रखा गया| अभ्यर्थियों की ज्यादा मेघा अंक दिखा कर अन्दर बुला लिया गया और कम अंक के कागजात लेकर कांसिलिंग की गयी और चयन किया गया| डीपीओं के किरानी राजीव कुमार और रामगढ़वा के प्रमुख, प्रखंड विकास पदाधिकारी पर आरोप है कि वे लोग मिल कर इस खेल को खेलने का कार्य किया है|
रक्सौल के रहने वाले सुरेंद्र कुमार पांडेय ने अधिकारियों को लिखे आवेदन में आरोप लगाया है कि सामान्य वर्ग कोटि में खुशबू कुमारी 71.03 अंक, संतोष कुमार ठाकुर 67.97 अंक, विकास कुमार 62.60 अंक, कृष्णा कुमार सिंह 58.97 अंक एनआईसी के वेब साईट पर दिनांक 29 जनवरी को अपलोड किया गया जबकि सुरेन्द्र कुमार पाण्डेय का मेघा अंक 68.02 था| ऊपर के चार अभ्यर्थियों में सुरेन्द्र का मेघा अंक सबसे ज्यादा था बावजूद इसके इनका नाम ना पुकार कर इनसे कम नंबर वालों का नाम पुकारा गया, सीसीटीवी कैमरे के अवलोकन के सारे राज से पर्दा उठ जायेगा|
सामान्य पुरुष वर्ग में चार ही पद प्रदर्शित किया गया था जबकि पांच लोगो की चयन की गयी| महिला सामान्य वर्ग में उच्च मेघा अंक वालों का चयन सामान्य पुरुष कोटि में होना चाहिए जबकि उनको भी सामान्य महिला कोटी में ही रखा गया है|
मामले को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक संजय कुमार ने कहा कि अगर कोई गडबडी हुई है तो कार्रवाई तय है | योग्य अभ्यर्थियों को धोखे में रखने की नियत से अंतिम मेघा सूची 29 जनवरी को किया गया जबकि 24 जनवरी को ही कांसिलिंग हुई थी| यही नहीं संतोष कुमार ठाकुर का मेघा सूची में दो जगह नाम है एक में 82.39 मेघा अंक दिखाया गया है जबकि दूसरे में 67.39 दिखाया गया है| खेल ये था अधिक मेघा सूची के नाम पर पुकारा जाएगा और कम मेघा सूची के आधार पर चयन होगा|
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