सागर सूरज
मोतिहारी। जिला प्रशासन, फ़ूड इंस्पेक्टर और माप तौल विभाग के द्वारा गत दिनों हुये जॉइंट ऑपरेशन में कोल्हुवारवा स्थित अमित ट्रेडिंग कंपनी और सिंघिया सागर स्थित सरस्वती ट्रेडिंग सहित तक़रीबन दर्जन भर प्रतिष्ठानों में की गयी छापेमारी और पकडे गये मामले में समुचित कार्रवाई की कमी के कारण ये खाद्य माफिया अपने अवैध कार्यों में पुनः सक्रिय हो गए बताये जाते है।
संयुक्त टीम ने एक रिपोर्ट जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक को सौपी हथी, जिसमे बताया गया है कि इन संस्थानों में घटतौली का मामला पाया गया है और कई तरह की अनियमिताएं भी पायी गयी है। माप तौल विभाग ने प्राथमिकी दर्ज ना करते हुये 14 से 15 हजार का जुर्माना किया, जिसे जमा कर माफिया पुनः बाजारों में सरसों तेल की 15 लीटर के तेल की जगह 10 लीटर का टिन बेच का होली के समय उपभोक्ताओं का जम कर चुना लगा रहे है।

बताया गया कि ये लोग सम्बंधित विभाग से निबंधित पैकर है जो सरसों तेल को 15 लीटर के टिन के डिब्बे में 10 लीटर या उससे कुछ ज्यादा ही तेल भर कर जिले भर में सप्लाई करते हुये उपभोक्ताओं का शोषण करते है और 15 लीटर का मूल्य वसूल कर करते है।
खाद्य निरीक्षक राजेश्वर प्रसाद ने बीएनएम को कहा कि इन दोनों प्रतिष्ठानों के अलावा मेन रोड में स्थित अन्नपूर्णा स्वीट्स और शालीमार स्वीट्स में भी औचक निरिक्षण करते हुये खाद्य पदार्थों के नमूने को जाँच में भेजा गया था ताकि इसकी गुणवता की जाँच की जा सके। रही बात कार्रवाई की तो चुकी मामला घटतौली से जुड़ा हुआ था तो क्या कार्रवाई हुई यह माप तौल विभाग ही बतायेगा।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले अमित ट्रेडिंग में छापेमारी की गयी जहाँ बाहर से गोदाम को बंद किया गया था, धक्का देने पर दुकान खुला तो अन्दर कार्य किये जा रहे थे। जाँच करने पर कई 15 लीटर के सरसों तेल के डब्बे जप्त किये गए थे, जिनमे घटतौली का मामला था। उन्होंने बताया की सिंघिया सागर में जब सरस्वती ट्रेडिंग में छापेमारी की गयी तो वह बंद मिला, बाद में उसके संचालक सोनू से फोन पर बात की गयी। फिर उसके एक अन्य संस्थान पर जाने पर मालूम चला वो भी बंद कर सभी फरार हो गए है।
इधर माप तौल विभाग के निरीक्षक राजेश कुमार से जब बात की गयी तो उन्होंने बताया कि पूर्व के छापेमारी में जिनके यहाँ घटतौली का मामला पकड़ा गया था वे अपनी पेनाल्टी की राशी जमा कर दिए है। पेनाल्टी की राशी 14 से 15 हजार था। घटतौली मामले में प्राथमिकी का प्रावधान नहीं है। क्वालिटी को लेकर जो शैम्प्ल जाँच में भेजा गया है उसमे अगर शिकायत आई तो फिर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
अब सवाल ये है कि इतने बड़े माफियाओं को अगर 14-15 हजार की राशी के बदले अगर मुक्त कर दी जाती है तो वे अपना कार्य किस भय से न करें, अब तो पहले से भी सावधान होकर और बड़े स्तर पर ये कार्य किये जा रहे है।
इधर सदर अनुमंडल पदाधिकारी सौरभ सुमन के कहा कि अगर ऐसी सुचनाये आ रही है तो ऐसे लोगों के विरुद्ध दुबारा कार्रवाई की जाएगी और उनकी दुकानें शील की जाएगी।
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