बिहार में बाढ़ का कहर, अब तक कुल 24 लोगों की मौत

बिहार में बाढ़ का कहर, अब तक कुल 24 लोगों की मौत

Reported By BORDER NEWS MIRROR
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पटना,।  बिहार में बाढ़ से 16 जिलों की 74 लाख से अधिक आबादी प्रभावित हुई है और अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है। आपदा प्रबंधन विभाग से सोमवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बाढ़ से दरभंगा जिले में सबसे अधिक 10, मुजफ्फरपुर में 6, पश्चिम चंपारण में 4 तथा सारण एवं सीवान में 2-2 लोगों की मौत हो चुकी है।  सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगडिया, सारण, समस्तीपुर, सिवान, मधुबनी, मधेपुरा एवं सहरसा जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। इन […]

पटना,।  बिहार में बाढ़ से 16 जिलों की 74 लाख से अधिक आबादी प्रभावित हुई है और अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है। आपदा प्रबंधन विभाग से सोमवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बाढ़ से दरभंगा जिले में सबसे अधिक 10, मुजफ्फरपुर में 6, पश्चिम चंपारण में 4 तथा सारण एवं सीवान में 2-2 लोगों की मौत हो चुकी है।  सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगडिया, सारण, समस्तीपुर, सिवान, मधुबनी, मधेपुरा एवं सहरसा जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। इन जिलों के कुल 126 प्रखंडों की 1240 पंचायतों में 74 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ के कारण विस्थापित लोगों को भोजन कराने के लिए 1239 सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गयी है। दरभंगा जिला में सबसे अधिक 15 प्रखंडों की 220 पंचायतों में बीस लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है।

बता दें कि बीते शनिवार को खबर आई थी कि कि दरभंगा जिले  में इस बार बागमती नदी अपने सभी पुराने रिकॉड तोड़ने पर आमादा है। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसकी वजह से नदी के अगल-बगल के इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। बढ़े हुए जलस्तर ने रेल परिचालन को भी बाधित कर रखा है। खासकर दरभंगा हायाघाट प्रखंड के हायाघाट स्टेशन के करीब बागमती का उग्र रूप देखने को मिल रहा है। हायाघाट स्टेशन के समीप रेल पुल संख्या 16 पर बाढ़ के पानी का दबाब होने के कारण पहले से ही दरभंगा-समस्तीपुर रेल का परिचालन ठप है।

समय के साथ बढ़ता जा रहा है बाढ़ का पानी  

यहां 24 जुलाई से ही रेल परिचालन बंद है और बाढ़ का पानी समय के साथ बढ़ता ही जा रहा है। अब बाढ़ का पानी धीरे-धीरे रेल की पटरी पर भी पहुंच गया है। साथ ही हायाघाट रेल पुल 16 पर पानी का और दबाव बढ़ गया है। बाढ़ का पानी रेल पटरी से अगर जल्द नहीं उतरा तो बाढ़ का पानी रेल पटरी को भी क्षतिग्रस्त कर सकता है। रेल लाइन को बचाने के लिए रेलकर्मी रेल की पटरी पर रेत से भरे बोरे रखकर पानी को आगे बढ़ने से रोकने में जुटे हैं। रेल पटरी पर पानी आने से अब उन लोगों की चिंता बढ़ गई है जो पहले ही बाढ़ के कारण अपना घर छोड़कर इन रेल की पटरियों पर अपना आशियाना बना कर रह रहे थे।

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