
गंगा और बूढ़ी गंडक नदी में उफान, अपनी दहलीज में लौट रही कोसी और बागमती
खगड़िया। खगड़िया जिले के सभी सात अंचलों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की निगाहें प्रमुख चार नदियों के जलस्तर पर टिकी हुई हैंं। शुक्रवार की सुबह कोसी और बागमती नदियां शांत होकर लोगों को अपना आशीर्वाद देती नजर आईंं वहीं गंगा और बूढ़ी गंडक नदी अपनी दहलीज लांघ कर लोगों के दिलों को दहला रही हैंं। गंगा और बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गंगा नदी का जलस्तर एक दिन में 0.6 मीटर बढ़कर खतरे के निशान से 0.52 मीटर ऊपर पहुंच गया है जबकि बूढ़ी गंडक नदी 0.3 मीटर बढ़कर खतरे के निशान से 0.71 मीटर ऊपर बह रही है। गंगा नदी का खतरे का निशान 34.7 मीटर है जबकि बूढ़ी गंडक नदी का खतरे का निशान 36.60 मीटर है। कोसी और बागमती नदियोंं में पानी निरंतर घट रहा हैं। हालांकि अभी भी दोनों खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैंं। जल संसाधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 1.55 मीटर ऊपर दर्ज किया गया जो एक दिन में 0 .10 मीटर कम हुआ है। बागमती नदी का जलस्तर बीते एक दिन में 0.11 मीटर कम हुआ है। वर्तमान में कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 1.55 मीटर तथा बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 2.26 मीटर ऊपर है। कोसी नदी का खतरे का निशान 33.85 मीटर और बागमती नदी का खतरे का जलस्तर 35.63 मीटर है। जिला प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार जिले के सभी सात अंचल बाढ़ प्रभावित हैं। जिले की 129 पंचायतों में से 41 पंचायतें बाढ़ प्रभावित हैंं। जिला प्रशासन का कहना है कि जिले के 367 गांवोंं में से 135 गांव के डेढ़ लाख लोग बाढ़ प्रभावित भी हैंं। जिला प्रशासन 6 सामुदायिक रसोई चला रहा है जहां एक लाख से अधिक लोग भोजन प्राप्त करते हैं । इसके अलावा 2674 फूड पैकेट का भी वितरण करने का दावा जिला प्रशासन ने किया है।
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