चिट्ठी जारी कर संतोष झा गैंग ने ओमप्रकाश हत्याकांड की जिम्मेवारी।

चिट्ठी जारी कर संतोष झा गैंग ने ओमप्रकाश हत्याकांड की जिम्मेवारी।

Reported By RAKESH KUMAR
Updated By RAKESH KUMAR
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राज झा ने मीडिया को संबोधित करते हुए एक प्रेस नोट जारी किया| जिसमें ओमप्रकाश हत्याकांड के जिम्मेवारी संतोष झा के गैंग ने ली। राज झा प्रेस नोट में बोला कि ओमप्रकाश सिंह कोई ठेकेदार नहीं था, बल्कि वह मुकेश पाठक का राइट हैंड बताया गया

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हाल ही में हुए ओमप्रकाश हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। राज झा ने मीडिया को संबोधित करते हुए एक प्रेस नोट जारी किया| जिसमें ओमप्रकाश हत्याकांड के जिम्मेवारी संतोष झा के गैंग ने ली। राज झा प्रेस नोट में बोला कि ओमप्रकाश सिंह कोई ठेकेदार नहीं था, बल्कि वह मुकेश पाठक का राइट हैंड बताया गया। 28 अगस्त 2018 को हुए सीतामढ़ी कोर्ट में संतोष झा शूटआउट में ओमप्रकाश की अहम भूमिका निभाने की बात बताई गई है| प्रेस में आगे बताया गया कि ओमप्रकाश सिंह के हत्या के बाद अब अगला नंबर मुकेश पाठक का बताया गया है| हालांकि इस प्रेस नोट की पुष्टि नहीं हो पाई है।

राज झा ने प्रेस नोट किया जारी

बीते देर शाम जारी प्रेस नोट में लिखा हुआ है कि मैं प्रवक्ता संतोष झा के गैंग का एक सदस्य राज| जहां आप तमाम पत्रकारों को यह सूचित कर रहा हूं कि आज दिनांक 6.05.2023 शनिवार को बाबू साहेब उर्फ ओमप्रकाश की हत्या कांड का जिम्मेदारी ले रहा हूं| साथी मैं यह बताना चाह रहा हूं कि ओमप्रकाश कोई ठेकेदार नहीं था बल्कि वह एक अपराधी था| साथ ही आगे बताया कि ओम प्रकाश अपराधी  मुकेश पाठक का राइट हैंड था और मुकेश पाठक के हर जुर्म में ओमप्रकाश सिंह उसका अहम सहयोगी था। संतोष झा के हत्यारे ओमप्रकाश सिंह के घर में ही रुके थे एवं हत्या के लिए हथियार ओमप्रकाश सिंह ने ही करवाया था| इसलिए ओमप्रकाश सिंह का हत्या हत्या नहीं बल्कि यह संतोष झा की हत्या का बदला है| जो अंजाम आज ओमप्रकाश सिंह का हुआ है यही अंजाम मुकेश पाठक का भी होगा।

स्कॉर्पियो को 23 गोलियों से भूना

आपको बता दें कि 6 मई को शिवहर जिला के लक्ष्मीनिया गांव के निवासी ओमप्रकाश सिंह अपने स्कॉर्पियो में ड्राइवर सहित अन्य दो व्यक्ति सहित सवार मुजफ्फरपुर जा रहे थे| तभी टाटा सुमो पर सवार अपराधियों ने स्कॉर्पियो की ओवरटेक कर ओमप्रकाश सिंह के स्कॉर्पियो पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। वहीं फायरिंग में ओमप्रकाश सिंह को 22 गोलियां लगी जिसके कारण ओमप्रकाश सिंह की मौत घटनास्थल पर ही हो गई| अपराधी घटना को अंजाम देने के बाद टाटा सुमो से शिवहर की ओर भाग गए।

बाकी लोगों को एक खरोच भी नहीं आई

अपराधियों के द्वारा ओमप्रकाश सिंह के गाड़ी को गोली से छलनी - छलनी के बाद पीछे बैठे अन्य 2 लोग समेत ड्राइवर मुकेश सिंह चचेरे मामा सुनील सिंह एवं शिवहर जिला के रिजा प्रखंड स्थित कुमारी पंचायत के मुखिया अंशु सिंह बाल-बाल बच गया। अपराधियों के द्वारा अंधाधुंध फायरिंग के बाद बाकी लोगों को एक खरोच तक नहीं आई पुलिस को घटनास्थल से 18 राउंड खोखे मिले हैं।

ओमप्रकाश सिंह का अपराधिक इतिहास

मृतक ओमप्रकाश सिंह उर्फ़ बाबू साहेब का काफी लंबे समय से अपराधिक इतिहास रहा है| शुरू में वह छोटा मोटा अपराध किया करता था| लेकिन वर्ष 2011 में उसकी पत्नी की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई| उस मामले में उसके ससुराल वालों ने ओमप्रकाश सिंह के ऊपर हत्या करने का आरोप लगाया था| उसके बाद वह अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में 2013 में सीतामढ़ी जेल भी जा चुका है| जेल में है ओमप्रकाश सिंह की मुलाकात गैंगस्टर संतोष जा और मुकेश पाठक से हुई| उस समय संतोष जा और मुकेश पाठक एक साथ क्राइम कर रहे थे| लेकिन जब संतोष और मुकेश पाठक में तनातनी शुरू हुआ तो ओमप्रकाश ने मुकेश पाठक का हाथ थाम लिया|

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