20 दिन और पांच हत्या, विवेक सिंह और मंजु देवी हत्याकांड के कई अनसुलझे पहलू
सहनी गैंग का होगा सफाया, चुन-चुन कर भेजे जाएंगे जेल
मोतिहारी एसपी संगठित अपराध और अपराधियों के प्रति अपनी ‘ज़ीरो टोलेरेन्स’ नीति को याद दिलाते हुये कहा की भारतीय न्याय संहिता की धारा 111 और 112 के तहत इन अपराधियों और गिरोहों के साथ मजबूती के साथ निबटा जाएगा | साहनी गिरोह का सफाया किया जाएगा एवं एक एक अपराधी को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा
सागर सूरज
मोतिहारी : जिले की पुलिस के बेहतर कार्यों के बाद भी हत्या जैसी जघन्य वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही | भाई के द्वारा भाई की हत्या, दोस्त के द्वारा दोस्त ही हत्या और पति द्वारा पत्नी की हत्या जैसी घटनाएं अब आम होती दिख रही है | इन घटनाओं के बाद पुलिस की कार्रवाईयों पर कोई सवाल नहीं है, परंतु इतने सख्त कानून और कार्रवाईयों के बाद भी ऐसी घटनाओं मे बदस्तूर इजाफ़ा सवालों मे है | जिले मे पिछले बीस दिन मे पाँच हत्या, जिसमे दो संगठित अपराध का परिणाम बताया जाता है |
हरसिद्धि के गिवाढार मे विधवा मंजु देवी की निर्मम हत्या, दरपा थाना क्षेत्र तीन कोनी गाँव मे सगे बड़े भाई ने छोटे भी सुनील सिंह को गोली मार दी, अरेराज के रडिया गाँव के पास शिक्षा बिभाग मे कार्यरत कुबेर पांडे उर्फ अभिनंदन पांडे को गोली मार हत्या कर दी गई, इस मामले मे भी सगे भाई द्वारा हत्या के कान्ट्रैक्ट दिए जाने की बात कही गई, उसके पहले रडिया गाँव निवासी विवेक सिंह को रघुनाथपूर के लक्ष्मीपुर मे गोली मार हत्या कर दी गई |
यह हत्या जिगरी दोस्त झूना सिंह उर्फ़ मोहित सिंह द्वारा खुद से की गई, डुमरियाघाट के रमपुरवा मे अपने ही सगे पट्टीदार मोहम्मद शहाबुद्दीन को गोली मार हत्या कर दी गई | ये सभी बारदाते 20 दिनों के भीतर की है |
इसमे मंजु देवी हत्याकांड मे पुलिस किसी खास नतीजे पर नहीं पहुँच सकी है, मंजु के घर मे ही उसे गर्दन रेत कर हत्या की गई थी और उसकी एक बालिग लड़की को गायब होने की बात कही जा रही है | तीनकोनी निवासी सुनील सिंह के हत्यारे भाई पंकज सिंह को पुलिस ने हथियार के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया | डुमरियाघाट वाले मामले मे हत्यारे भाई की गिरफ़्तारी घटना के दो घंटे के भीतर हो गई |
इन हत्याओं की शृंखला मे कुबेर पांडे और विवेक सिंह दोनों ही घटना भले ही भाई और दोस्त द्वारा कारित बताई जा रही है, परंतु पुलिस के बयानों और अनुसंधानों पर भरोसा करें तो दोनों ही घटना एक संगठित गिरोह द्वारा कारित प्रतीत हुई | इन ‘शूट- आउट’ मे कॉन्ट्रैक्ट किलर्स और भू-माफियाओं की ‘स्वीकृत भागीदारी’ सामने आई है |
विवेक सिंह हत्याकांड मे दोस्त झूना, बाइक चालक रमानंद ठाकुर और हथियार सप्लायर चंदन सिंघानिया तो जेल भेज दिए गए, लेकिन मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात के अनुसार झूना ने घटना मे शामिल कुछ और लोगों का नाम पुलिस को बताया था, बाद मे चंदन सिंघानिया ने भी कुछ लोगों का नाम बताया, जो संगठित रूप से विवेक के पीछे लगे थे | लेकिन इन साजिशकर्ताओं के चेहरे से घटना के 19 दिन बाद भी पर्दा नहीं उठना सवालों मे है |
मोतिहारी एसपी तब एसआईटी को इन लोगों के विरुद्ध साक्ष्य जुटाने के निर्देश दिए थे, परंतु ऐसा प्रतीत होता है की एसआईटी मामले को या तो ठंडे बस्ते मे डाल दी है या फिर साक्ष्य जुटाने से पेरहेज कर रही है | हो सकता है कुछ व्हाइट कॉलर का इन साजिशकर्ताओं को संरक्षण प्राप्त हो रहे हो | फिर भी विवेक सिंह मामले मे चार्जशीट फाइल होने तक किसी तरह के अंदेशाओं पर भरोसा करना जायज नहीं है |
इधर कुबेर पांडे मामले मे पुलिस ने शार्प शूटर बाबर सहित हत्यारा भाई और तीन अन्य साजिशकर्ता, लाइनर को गिरफ्तार कर लिया है | बाकी तीन अन्य को गिरफ्तार करने की बात कही जा रही है | अरेराज अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रंजन कुमार ने मंगलवार को एक प्रेस मीट मे हत्या की पीछे की कहानी शेयर करते हुये, शूटर बाबर आजम, लायनर उज्जवल पांडे, मानिर आलम और अभिमन्यु कुमार को मीडिया के सामने प्रस्तुत किया |
इधर मंगलवार को मोतिहारी एसपी संगठित अपराध और अपराधियों के प्रति अपनी ‘ज़ीरो टोलेरेन्स’ नीति को याद दिलाते हुये कहा की भारतीय न्याय संहिता की धारा 111 और 112 के तहत इन अपराधियों और गिरोहों के साथ मजबूती के साथ निबटा जाएगा | साहनी गिरोह का सफाया किया जाएगा एवं एक एक अपराधी को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा |
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