डीईओ सहित सभी पदाधिकारी मौन, स्थापना डीपीओ की मनमानी से शिक्षकों मे भारी आक्रोश
वर्षों से वेतन बंद शिक्षक को भी करा दिया सक्षमता परीक्षा पास
सागर सूरज
मोतिहारी। आजकल शिक्षा विभाग का स्थापना शाखा गलत कारणों से लगातार सुर्खियां बटोर रहा है, अचंभित करने वाले नए-नए कारनामें रोज देखने व सुनने को मिल रहा है।
यह शाखा एक तरफ चहेते संवेदकों पर मेहरबानी कर अग्रिम भुगतान कर देती है तो वही बिना प्रतिनियुक्ति चहेते कई शिक्षकों से महत्वपूर्ण संचिकाओं का संपादन भी करा रही है। इधर हाल ही में एक चौकाने वाली मामला भी प्रकाश में आया है, जिसमें कई वर्षों से वेतन बंद शिक्षक पर मेहरबान होते हुए सक्षमता परीक्षा पास कराकर उसे नियोजित शिक्षक से विशिष्ट शिक्षक का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाया है।
जबकि विभागीय व परीक्षा समिति विविध का स्पष्ट आदेश है कि 31 दिसम्बर 23 तक नियमित भुगतान पाने वाले व विवाद रहित शिक्षक ही सक्षमता परीक्षा में भाग ले सकते है। जिसका जांच विद्यालय प्रधान से लेकर बीईओ व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के स्तर से होना है।
मिली सूचनानुसार मोतिहारी नगर एमजेके उच्च माध्यमिक विद्यालय के एक शिक्षक राकेश कुमार ने अपने ही विद्यालय के एक नगर माध्यमिक शिक्षक राकेश गुप्ता के विरुद्ध आरोप लगाते हुए गत दिनांक को जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित जिलाधिकारी व अन्य को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है, जो सूचनानुसार स्थापना शाखा के संचिकाओं में धूल फांक रहा है।
विदित हो कि श्री कुमार ने अपने आवेदन के साथ जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना का पत्र सहित परीक्षा समिति विविध का पत्र लगते हुए कहा है कि श्री गुप्ता का वेतन विगत 9 अपैल 2021 से अबतक बन्द है, उसके बावजूद उन्हें सक्षमता परीक्षा पास करा दिया गया है। जबकि स्वयं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के पत्र में स्पष्ट निर्देश है कि विद्यालय प्रधान सक्षमता परीक्षा अभ्यर्थियों के संबंध में नियमित वेतन भुगतान व विवादरहित होने का प्रमाण पत्र देगे, जिसे प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी गहन जांचोपरांत जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को सौंपेगे।
वही परीक्षा समिति का स्पष्ट निर्देश है कि उक्त आवेदन को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी संबंधित शिक्षक के विद्यालय के वेतन पंजी से मिलान करेंगे कि उक्त शिक्षक का दिनांक 31 दिसंबर 23 तक नियमित वेतन का भुगतान है या नही।
यदि नियमित वेतन भुगतान है तो अपने भौतिक हस्ताक्षर करने के उपरांत ही उक्त आवेदन को पोर्टल पर अपलोड करना है, जिससे एडमिट कार्ड जारी होगा।
इतना गहन छानबीन होना है इसके बावजूद किसी ऐसे शिक्षक को सक्षमता परीक्षा पास करा दिया जाता हो जिसका वेतन वर्षों से बंद हो।
वही बताया जाता है कि शिक्षक श्री कुमार के द्वारा दोषी के विरुद्ध कार्रवाई के लिए डीईओ को आवेदन दिया गया है। आवेदन व उसमें लगाए गए तमाम पत्रों से स्पष्ट है कि उक्त मामले में संबंधित जांच पदाधिकारी दोषी है जिसमें स्थापना शाखा मुख्य है, उसके बावजूद उक्त आवेदन को स्थापना पदाधिकारी को कार्रवाई हेतु भेज दिया गया है जहाँ उसे फाइलों में दबाकर रख दिया गया है।
इधर डीपीओ स्थापना साहब आलम लगातार सवाल पूछने वाले मीडिया से कन्नी काटते नजर आ रहे है | मिलने की बात तो दूर वाट्सउप् मैसेज से भी अपना पक्ष रखने को तैयार नहीं है | एक अन्य मामले मे साहब आलम पर जिलाधिकारी के यहाँ आरोप लगा है की वे बेतन भुगतान को लेकर दो लाख रुपये मांग रहे है और नहीं देने पर तरह तरह के नुकसे लगा कर परेशान कर रहे है |
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