MGCU मे पीएचडी छात्रों के नामांकन पर रोक, “प्रोसीडुरल लैप्स’ या स्थानीय छात्रों से नफरत ?

MGCU मे पीएचडी छात्रों के नामांकन पर रोक, “प्रोसीडुरल लैप्स’ या स्थानीय छात्रों से नफरत ?

Reported By SAGAR SURAJ
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कुलपति संजय कुमार श्रीवास्तव से जब पुछा गया तो उनके ओएसडी सच्चिदानन्द सिंह ने कहा कि जो भी छात्र नामांकन की अंतिम दिन 31 जनवरी के बाद नामांकन करवाने वाले थे, उनके नामांकन को तत्काल स्थगित करते हुए मामले की जांच की जा रही है | जांच के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा 

सागर सूरज

मोतिहारी: मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी (एमजीसीयू) प्रशासन के अजीबोगरीब आदेशों को लेकर छात्र ना केवल परेशान हो रहे है, बल्कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर कई तरह के गंभीर आरोप भी लगा रहे है |

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नया मामला विश्वविधालय के एजुकेशन विभाग से जुड़ा है, जहां एक छात्र को पीएचडी मे नामांकन हेतु 4 फरवरी, 2025 को रिजल्ट प्रकाशित की गई और उसी रिजल्ट मे 6 फरवरी तक सभी कागजाती प्रोसेस को पूरा करने की बात कही गई |

पूर्वी चंपारण के सुगौली के पंजीयरवा गाँव निवासी छात्र धनंजय मिश्र ने चार फरवरी को ही नियमानुसार सारे ‘फॉर्मैलटीज़’ पूरी कर ली | लेकिन छह फरवरी को जारी यूनिवर्सिटी प्रशासन के एक ‘नादिर शाही पैगाम’ से छात्र सकते मे है | अब अपने नामांकन के लिए छात्र यूनिवर्सिटी प्रशासन सहित सभी जगह गुहार लगाने को विवस है |

छात्र ने बताया कि सभी फॉर्मैलटीज़ को पूरा करने के बाद छह फरवरी को विश्वविधालय के ऑफिसर ऑन ड्यूटी (ओएसडी) सच्चिदानंद सिंह ने एक आदेश पत्र मेरे नाम से निकाला कि गलती से नामांकन हेतु अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 की तिथि के बाद मेरे नामांकन को आदेशित कर दिया गया है, एक ‘प्रोसीडुरल लैप्स’ है | इसलिए छात्र के नामांकन को तत्काल अगले आदेश तक स्थगित किया जाता है और आपको इस बीच रिसर्च स्कालर के रूप मे यूनिवर्सिटी से मिलने वाले किसी भी तरह के लाभ से बँचित किया जाता है |

छात्र ने कहा कि डिपार्ट्मन्ट ऑफ एजुकेशन स्टडीस मे पीएचडी के लिए सत्र 2024-2025 को लेकर यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट और डिपार्ट्मेन्टल हेड ने बजापते कई लोगों की उपस्थिति मे सभी आवेदक छात्रों से एक गहन इंटरव्यू किया, उसके बाद 3 फरवरी तक मै खुद रिजल्ट के लिए बिभाग मे दौड़ता रहा | छात्र का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन स्थानीय छात्रों की कम से कम नामांकन करना चाहता है ताकि किसी भी गलत के विरोध के स्वर नहीं उठ सके |   

बताया गया कि विभाग मे किसी भी डीन का नहीं रहने के कारण रिजल्ट को जारी करने की जिम्मेवारी खुद कुलपति संजय श्रीवास्तव की है | और अंततः 4 फरवरी को बिभाग के वेबसाइट पर रिजल्ट जारी कर दिया गया, जिसमे छात्र धनंजय मिश्रा का नाम भी था | छात्र ने बताया कि जब रिजल्ट ही 4 फरवरी को आया तो मै 31 जनवरी के पहले तक अपना नामांकन कैसे करवाता | मामले मे 15 दिन से अधिक हो गए अब तक मेरे नामांकन को होल्ड रखा गया है |

अब सवाल ये है कि ओएसडी ने पत्र मे रिजल्ट को ‘मिसटेक’ माना है और इसे “प्रोसीडुरल लैप्स’ भी माना है लेकिन यह लैप्स किस लेवल से है, उसका ना तो जिक्र किया गया है और ना ही लैप्स के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के विरुद्ध कोई कार्रवाई की ही बात कही गई |

कुलपति संजय कुमार श्रीवास्तव से जब पुछा गया तो उनके ओएसडी सच्चिदानन्द सिंह ने कहा कि जो भी छात्र नामांकन की अंतिम दिन 31 जनवरी के बाद नामांकन करवाने वाले थे, उनके नामांकन को तत्काल स्थगित करते हुए मामले की जांच की जा रही है | जांच के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा |  

  

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