मोतिहारी। खुद को बिहार प्रदेश के सरपंच संघ का अध्यक्ष चुने जाने का दावा करने वाले कोटवा के जमुनिया निवासी शिवजी यादव सवालों में घिरते जा रहे है। जिले के जन- प्रतिनिधियों एवं नव- नियुक्त सरपंचों का दावा है कि इस नाम का कोई भी व्यक्ति बिहार सरपंच संघ का न तो अध्यक्ष है और ना ही यह व्यक्ति सरपंच के पद पर भी किसी पंचायत से चुना गया है।
आरोप है कि फर्जीवाड़े की हद तो तब हो गयी जब शिवजी राय ने खुद को बिहार सरपंच संघ का अध्यक्ष चुने जाने का दावा करते हुये मीडिया को भी अँधेरे में रखा और खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित भी करवा लेने में सफल रहा। फिर क्या था आरोप और प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया, नतीजतन जाँच में पता चला शिवजी राय जो खुद को बिहार सरपंच संघ का अध्यक्ष कहते है वे सरपंच भी नहीं है।
यही नहीं, आरोप है कि जमुनिया के रहने वाले शिवजी यादव ने अपने आस –पास के कुछ लोगों को भी अपने भाड़े –खर्चे से पटना ले गए और पटना के गाँधी मैदान में खुद के रूपये से लाये गए माला भी पहन कर फोटो को अख़बारों में प्रकाशित करवाने का कार्य कर लिया। बता दे कि जमुनिया में सरपंच पद पर लाइची देवी, पति- राम इकबाल राय चुनी गयी है।
आरोप है कि तस्वीर में नितेश कुमार उर्फ़ अभिषेक कुमार, नंदन गिरी, निरंजन कुमार और जुल्फिकार उर्फ़ गुड्डी जैसे चन्द कोटवा के आस –पास के ग्रामीणों की पहचान की जा सकती है, जो कही से कोई भी पंचायत पद के पदधारक नहीं है। ऐसे में शिवजी राय के द्वारा रचित इस कथित फर्जीवाड़े को लेकर जाँच की मांग तेज़ हो गयी है।
इधर शिवजी राय ने अपना पक्ष रखते हुये कहा की पटना मे बिहार भर के सरपंचों की बैठक संपन्न हुई थी, जिसमे उन्हें बिहार अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी दी गयी। हालाँकि उन्होंने यह स्वीकार किया की वे सरपंच पद पर नहीं चुने गए है, फिर भी सरपंचों के हक़ की लड़ाई वे लड़ने को तैयार है।
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