
खगड़िया । खगड़िया न्याय मंडल के न्यायाधीश के संभावित कार्यक्रम से वकीलों की चल रही हड़ताल समाप्त होने के आसार बढ़ गए हैं। सोमवार को अवकाश के दिन भी बड़ी संख्या में अधिवक्ता न्यायालय परिसर पहुंचे तथा अपने आंदोलन को जारी रखने का संकल्प लिया।न्यायालय परिसर के समीप 16 फीट जमीन की मांग को लेकर 27 अप्रैल से अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य से अपने आप को अलग कर रखा है।

न्यायालय प्रशासन ने संघ भवन के उत्तर दिशा में ई-सेवा केंद्र भवन बनाने का कार्य शुरू किया था जिससे संघ भवन के दो गेट बंद करने की बात फैल गई थी। इस बीच जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने डीएम को पत्र लिखकर 16 फीट जमीन का मामला जल्द निपटाने का अनुरोध किया है ताकि ई-सेवा केंद्र निर्माण करा कर ई-कमिटी सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया जा सके।
विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष नागेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे न्यायमूर्ति अमरेंद्र प्रताप शाही सहित पूर्व के कई निरीक्षण न्यायाधीश ने संघ को 16 फीट जमीन देने का आश्वासन दिया था तथा बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया था। लेकिन अचानक जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जिला प्रशासन को इसी जमीन पर ई-सेवा केंद्र बनाने का आदेश दे दिया और संघ के पदाधिकारियों को विश्वास में लिए बिना आनन-फानन में काम कराना शुरू कर दिया। इससे पहले परिसर से सभी गरीब दुकानदारों को हटा दिया गया जो दुकानदार कई दशक से चाय नाश्ता की दुकान लगाकर अपने परिवार की आजीविका का सहारा बने हुए थे। सभी दुकानदारों ने 2020 तक न्यायालय नजारत में आवश्यक राशि भी जमा कराया है।
नागेश्वर सिंह ने कहा कि खगड़िया भूकंप प्रवण क्षेत्र में आता है और इसलिए भूकंप को देखते हुए भी संघ भवन में दो तीन गेट का रहना आवश्यक है,लेकिन न्यायालय प्रशासन संघ की कोई बात सुनने को तैयार नहीं हुआ जिस कारण बाध्य होकर अधिवक्ताओं को आंदोलन का रास्ता चुनना पड़ा।
महासचिव महेश सिंह ने कहा कि अधिवक्ताओं के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने जिला जज से अनुरोध किया कि बार और बेंच समन्वय और सौहार्द बना कर लोगों तक न्याय पहुंचाने में अधिवक्ताओं का सहयोग लें। खगड़िया के विधायक छत्रपति यादव और अलौली के विधायक रामवृक्ष सदा ने डीएम से अनुरोध किया कि न्यायालय को आबंटित जमीन की नापी कराकर शेष जमीन विधिज्ञ संघ को दें।इस बीच पटना उच्च न्यायालय से निरीक्षी न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनिल कुमार सिन्हा के आने की संभावना को देखते हुए अधिवक्ताओं में उम्मीद जगी है कि जमीन को लेकर जारी गतिरोध अब समाप्त हो सकेगा।
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