
किशनगंज। बिहार की राजनीति में इन दिनों शह–मात का खेल चल रहा है। एक तरफ बीजेपी जेडीयू में जातीय जनगणना को लेकर चल रहे शह मात का खेल दिलचस्प होता जा रहा है तो दूसरी तरफ राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के 17 ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी के बाद राजद भी एनडीए को तगड़ा झटका देने की कोशिश में जुटी हुई है।

दरअसल राजनैतिक गलियारे में एआईएमआईएम पार्टी के चार विधायको के राजद में शामिल होने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।राजनैतिक विश्लेषकों द्वारा तरह तरह के कयास लगाए जा रहे है। जातीय जनगणना को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक एवम 5 सीटों पर होने वाले राज्यसभा चुनाव से पूर्व एआईएमआईएम के चार विधायकों के राजद में शामिल होने की खबर के बाद सत्ता के गलियारों में हड़कंप मच गया है।
सूत्रों के मुताबिक बीते दिनों राजद के बड़े नेताओं के साथ एआईएमआईएम के चार विधायको की मुलाकात हुई थी जिसके बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो चुका है। एआईएमआईएम के बिहार में पांच विधायक है और अगर चार विधायक राजद में शामिल होते है तो यह न सिर्फ एआईएमआईएम के लिए बड़ा झटका होगा बल्कि बिहार की राजनीति में भी बड़े उलटफेर हो सकते है।
वही पूरे मामले पर जब हमने किशनगंज जिले के कोचाधामन विधान सभा क्षेत्र से एआईएमआईएम के विधायक इजहार अशर्फी से बात की तो उन्होंने कहा की कैसे बताएंगे। राजनीति में कोई भी कही जा सकता है। किसी को लेकर कुछ कहना मुश्किल है। तोड़मोड़ होने से कुछ भी हो सकता है। श्री अशर्फी ने कहा की वो अभी घर पर है और अभी सटीक जानकारी नही है।
बहादुरगंज से एआईएमआईएम विधायक अंजार नईमी ने कहा कि फिलहाल ऐसी कोई बात नही है, सभी दल के नेताओ के साथ सबके अच्छे संबंध है, इसलिए किसी दूसरे दल के नेताओ से मिलने का यह मतलब नहीं है कि उस पार्टी में शामिल हो रहे है।
उन्होंने कहा कि राजद और कांग्रेस के नेताओ से अच्छे संबध है, इसलिए मिलते जुलते रहते है।एआईएमआईएम पार्टी में अभी कोई कठिनाई नहीं है की पार्टी को छोड़ कर जाए। हालाकि राजनीति संभावनाओं का खेल है और कभी भी कुछ भी हो सकता है ?
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