
भिवानी: जनता बिजली से त्रस्त, सरकार अडानी पर कार्यवाही से पीछे हाथ खींच रही : किरण चौध
भिवानी। पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता किरण चौधरी ने हरियाणा सरकार को बिजली के मुद्दे पर घेरते हुए सरकार पर लोगों को बिजली मुहैया करवाने की बजाए मुनाफाखोरी करने का आरोप लगाया है। किरण चौधरी ने कहा कि बिजली आपूर्ति हरियाणा में अड़ानी को करनी थी, परन्तु बिजली आपूर्ति ना होने के बावजूद भी अड़ानी के खिलाफ सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
वही उन्होंने प्रदेश में बेरोजगारी के मुद्दे पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार बताए कि पिछले आठ साल के दौरान कितनी नौकरियां उन्होंने प्रदेश के युवाओं को दी हैं। यह बात उन्होंने भिवानी में अपने निवास स्थान पर पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
किरण चौधरी ने नगर निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस की रणनीति का खुलासा करते हुए कहा कि अलग-अलग क्षेत्रों में पर्यवेक्षक जाकर योग्य उम्मीदवार को चिह्नित करने का कार्य कर रहे हैं।
वर्तमान में पार्टी की राय है कि चेयरमैन के चुनाव सिंबल पर लड़े जाएं। भिवानी नगर परिषद के चेयरमैन के उम्मीदवार की घोषणा भी जल्द ही किए जाने की बात किरण चौधरी ने कही।
आम जनता के मुद्दों पर सत्ता पक्ष को घेरते हुए किरण चौधरी ने कहा कि पानी, यूरिया व डीएपी की कमी को लेकर आज प्रदेश का किसान अभाव झेल रहा है। जबकि सरकार बिजली, पानी, खाद, रोजगार, महंगाई आदि मुद्दों पर आंखें मूंदे बैठी है।
उन्होंने कहा कि एक वर्ष से अधिक समय तक किसान एमएसपी पर कानून बनाने व सी-2 फॉर्मूला लागू करवाने की मांग को लेकर बैठै रहे, जिन्हे झूठ बोलकर उठा दिया गया तथा जिस पर अभी तक कोई कानून नहीं बनाया गया। वही किरण चौधरी ने रबी की फसल के नुकसान का मुआवजा देने की मांग भी की।
किरण चौधरी ने एक फिर कहा कि एसवाईएल तथा चंडीगढ़ का मुद्दा अब केवल राजनीति करने के लिए उठाया जाता है, जबकि आम जनता के मुद्दों पर वर्तमान भाजपा सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही।
किरण चौधरी ने दावा किया कि नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस भारी मतों से जीतेंगी तथा भाजपा सरकार ने जो पिछले आठ सालों के दौरान प्रदेश के विकास के पहिए को थामने का काम किया है, उसे फिर से शुरू किया जाएगा।
किरण चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार हरियाणा के हिस्से का जीएसटी का पैसा भी पूर्ण रूप से राज्य सरकार को नहीं दे रही है, जबकि राज्य सरकार को कर्ज लेकर अपने कार्य करने पड़ रहे हैं।
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