नगर थाना प्रभारी सहित दो पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध परिवाद दर्ज, लगा कई गंभीर आरोप

नगर थाना प्रभारी सहित दो पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध परिवाद दर्ज, लगा कई गंभीर आरोप

Reported By BORDER NEWS MIRROR
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सागर सूरज, मोतिहारी। नगर थाना प्रभारी सह पुलिस निरीक्षक विजय कुमार यादव के विरूद्ध सोमवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, मोतिहारी में एक परिवाद दायर किया गया। है। दायर परिवाद में राजा बाजार वार्ड संख्या 34 निवासी बाबूल कुमार पुत्र सुरेंद्र दुबे ने विजय कुमार यादव एवं नाका संख्या-4 प्रभारी सुषमा कुमारी के विरुद्ध कई गंभीर आरोप लगाया है। इसमें आरोप लगाया कि आरोपियों ने जान बुझकर परेशान करने की नियत से एक ऐसे मामले में बाबूल कुमार को अभियुक्त बना दिया गया, जिस मामले से इनका कोई मतलब नहीं था।

पुलिस गिरफ्तारी के डर से बाबूल कुमार ने न्यायालय से जमानत लेकर सरेंडर स्लीप थाना में जमा करने के लिए 28 मई 2022 को सुबह 12 नगर थाना में जब गए, तो उनको देखते ही नगर थाना प्रभारी व नाका चार प्रभारी दोनों भड़क गए। गाली-गलौज करते हुए तीन-चार दंडे मार दिया। बाबूल कुमार ने आरोप लगाया कि दोनों ही अभियुक्त रंगदारी पूर्वक मेरे पॉकेट में रखे 6590 रूपए भी निकाल लिए। साथ ही धक्का देकर थाना परिसर से भगा दिया। भगाते समय दोनों ही आरोपियों ने बाबूल कुमार को कहा कि कितना जमानत कराएगा। कई केस में फंसाकर तुम्हारा जीवन बर्बाद कर देंगे। देखते हैं कौन वकील तुम्हारी जमानत कराता है। 

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उल्लेखनीय है कि बाबूल कुमार ने शहर में अवैध रूप से संचालित हो रहे एक नंबरी लॉटरी का अवैध कारोबार का उद्भेदन करते हुए पुलिस की मदद की थी। बाबूल ने 9 मई 2022 को राजा बाजार गोपालपुर मुहल्ले स्थित हनुमान मंदिर के बाहर में संचालित हो रहे लॉटरी कारोबार का गुप्त कैमरे से वीडियो बना लिया। साथ ही वीडियो को चंपारण परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक के वॉट्सअप पर शेयर कर दिया। इसके बाद डीआईजी ने पत्रकारों को 24 घंटे में कार्रवाई का आश्वासन दिया एवं पुलिस ने लॉटरी संचालक जितेंद्र कुमार सहनी को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया। लेकिन खेल खराब करते देख आक्रोशित कुछ पुलिस अधिकारी ने उस मुकदमे में बाबूल कुमार का भी नाम डाल दिया।

 

 

बता दें कि शहर में करीब चार-पांच जगहों पर अवैध लॉटरी का कारोबार पुलिस की जानकारी में होता है। आरोप है कि इसका विरोध करने वालों के विरूद्ध पुलिस मुकदमा दर्ज कर प्रतारित करने का काम करती है। पदाधिकारियों से संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया गया। लेकिन कोई जबाब नहीं मिला। अधिवक्ता हरेशर प्रसाद श्रीवास्तव ने कहा कि मामले को भादवि के विभिन्न धाराओं जैसे- 323, 384, 379 व 504 अंतर्गत दाखिल किया गया है।

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