ब्रिटेन : प्रधानमंत्री की दौड़ में सबसे आगे चल रहे ऋषि सुनक को मिली पहले चरण में जीत

ब्रिटेन : प्रधानमंत्री की दौड़ में सबसे आगे चल रहे ऋषि सुनक को मिली पहले चरण में जीत

Reported By BORDER NEWS MIRROR
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लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की दौड़ में भारतीय मूल के ऋषि सुनक सबसे आगे चल रहे हैं। प्रधानमंत्री पद के लिए पहले चरण की वोटिंग वे शीर्ष पर काबिज हैं। सुनक के अलावा पांच अन्य दावेदार भी पहले राउंड में जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं।

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प्रधानमंत्री के लिए हुए मतदान में सुनक को 88 वोट मिले, जबकि दूसरे स्थान पर काबिज वाणिज्य मंत्री पेनी मोर्डंट से 67 वोट मिले। विदेश मंत्री लिज ट्रूस 50 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।

पहले चरण की वोटिंग में पूर्व कैबिनेट मंत्री केमी बडेनोच को 40, बैकबेंचर टॉम तुगेंदत को 37 और अटॉर्नी जनरल सुएला ब्रेवरमैन को 32 वोट मिले हैं। अब गुरुवार को इन नेताओं के बीच दूसरे राउंड की वोटिंग होगी, जिसके बाद दो उम्मीदवारों को चुना जाएगा।

पहले दौर के मतदान के बाद वर्तमान चांसलर नादिम जाहावी और पूर्व कैबिनेट मंत्री जेरेमी हंट आवश्यक 30 वोट हासिल करने में विफल रहने के बाद अगले चरण की दौड़ से बाहर हो गए हैं।

उन्हें क्रमश: 25 और 18 वोट मिले। हालांकि सुनक ने अपने टोरी संसदीय सहयोगियों के बीच एक स्थिर बढ़त बनाए रखी है, लेकिन कंजर्वेटिव पार्टी की सदस्यता का आधार पेनी मोर्डंट के पक्ष में दिखाई देता है।

मतपत्र के जरिए अपने पसंदीदा उम्मीदवार को चुनने के लिए संसद के 358 कंजर्वेटिव सदस्यों की ओर से मतदान का अगला दौर गुरुवार को निर्धारित है।

ब्रिटेन के नये प्रधानमंत्री का चुनाव पांच सितंबर को किया जाएगा और वह संसद में प्रधानमंत्री के समक्ष आरंभिक प्रश्नों का सामना सात सितंबर को करेंगे। बृहस्पतिवार को दूसरे चरण के मतदान के बाद चरणबद्ध तरीके से अंतिम दो उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।

जिसके बाद पार्टी के नेता का ऐलान होगा। इसके बाद ही नेता को ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलवाई जाएगी। तब तक बोरिस जॉनसन कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे।

ऋषि सुनक इन्फोसिस के चेयरमैन रह चुके नारायण मूर्ति के दामाद हैं। वह यॉर्कशायर के रिचमंड से सांसद हैं। 2015 में संसद में कदम रखन वाले ऋषि कन्जर्वेटिव पार्टी के उन नेताओं में से एक थे, जिन्होंने ब्रिटेन को यूरोपियन यूनियन (ईयू) से बाहर निकलने के बोरिस जॉनसन के फैसले का समर्थन किया था।

उनका मानना था कि ब्रिटेन में छोटे बिजनेस ब्रेग्जिट बाहर निकलने के बाद बेहतर प्रदर्शन करेंगे। सुनक वित्त मंत्री बनने से पहले राजकोष के मुख्य सचिव और वित्त मंत्री के सेकंड इन कमांड भी रह चुके हैं।

 

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