बर्थडे स्पेशल : सच्ची घटनाओं पर फिल्म बनाने के लिए जाने जाते हैं मधुर भंडारकर

बर्थडे स्पेशल : सच्ची घटनाओं पर फिल्म बनाने के लिए जाने जाते हैं मधुर भंडारकर

Reported By BORDER NEWS MIRROR
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मुंबई। फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर आज निर्देशन के क्षेत्र में एक जाना माना नाम हैं। 26 अगस्त, 1968 को मुंबई में जन्मे मधुर भंडारकर आज निर्देशन के क्षेत्र में एक बड़ा मकाम हासिल कर चुके हैं।

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लेकिन यह मकाम उन्हें काफी संघर्षों के बाद मिला। मधुर के पिता बिजली कांट्रेक्टर और मां गृहणी थी। घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी, जिसके कारण मधुर को अपनी पढ़ाई भी बीच में ही छोड़नी पड़ी।

लेकिन मधुर को बचपन से ही फिल्में देखने का शौक था। इसके लिए उन्हें कई बार डांट-मार भी पड़ी। मधुर ने अपने करियर की शुरुआत 90 के दशक में की।

बहुत संघर्षों के बाद उन्हें राम गोपाल वर्मा के साथ बतौर असिस्टेंट काम करना शुरू किया। उस समय राम गोपाल वर्मा फिल्म 'रात' बना रहे थे।

इसके बाद मधुर ने उन्हें रंगीला और शिवा में असिस्ट किया। फिल्म रंगीला में मधुर ने एक छोटी सी भूमिका भी निभाई थी। यह फिल्म हिट रही। इसके बाद मधुर को लगा की वह अब फिल्म बना सकते है।

वह अपने फिल्म की कहानी लेकर एक प्रोड्यसूर के पास गए। लेकिन फिल्म की कहानी सुनने के बाद प्रोड्यूसर ने कड़वे शब्दों की बौछार करते हुए उनके साथ काम करने से मना कर दिया।

जिससे मधुर को गहरा झटका लगा। लेकिन मधुर ने हिम्मत नहीं हारी और साल 1999 में एक फिल्म बनाई, जिसका नाम त्रिशक्ति था। यह फिल्म कुछ कमाल नहीं दिखा पाई, जिसके कारण अब मधुर की राम गोपाल के असिस्टेंट के रूप में कमाई गई इज्जत भी दांव पर लग गई थी और लोग उन्हें अपशकुन समझ कर कन्नी काटने लगे थे।

पिछली फिल्म की नाकामी से टूट चुके मधुर के एक दोस्त स्टॉक मार्केट में काम करते थे। एक रोज वो मधुर को लेकर डांस बार गए। मधुर उस वक्त बहुत खुद में बहुत शर्मिंदा महसूस कर रहे थे।

मधुर को इस बात का डर था कि कहीं किसी ने उन्हें पहचान लिया तो कहेगा कि फिल्म की नाकामी भुलाने के लिए वह शराबखाने आए हैं। इसके बाद मधुर वहां से निकल गए। लेकिन रात भर उनकी आंखो में बार के दृश्य छाये रहे और अगले दिन वह स्वयं अपने दोस्त को बार लेकर गए।

इसके बाद मधुर ने उस बार में काम करने वाली लड़कियों की कहानी सुनी और उसका संग्रह तैयार किया। इसके बाद जल्द ही वह समय आया जब मधुर ने सबकुछ भूलकर बनाई फिल्म 'चांदनी बार'।

इस फिल्म में अभिनेत्री तब्बू मुख्य भूमिका में नजर आईं। यह फिल्म मधुर की जिंदगी का टर्निंग पॉइंट साबित हुई। इस फिल्म की सफलता ने उन्हें हिंदी फिल्म के प्रसिद्ध निर्देशकों में शुमार कर दिया। इस फिल्म के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

इसके बाद मधुर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। मधुर भंडारकर की प्रमुख फिल्मों में त्रिशक्ति, सत्ता, पेज 3, कॉर्पोरेट, ट्रैफिक सिग्नल,फैशन,जेल, दिल बच्चा है जी, हीरोइन, इंदु सरकार आदि शामिल हैं।

मधुर भंडारकर को फिल्मों में उनके सराहनीय योगदानों के लिए भारत सरकार की तरफ से साल 2016 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मधुर भंडारकर अब भी फिल्म जगत में सक्रिय हैं।

उनकी निजी जिंदगी की बात करें तो उन्होंने 15 दिसम्बर 2003 को प्रेमिका रेणु नंबूदिरी से शादी की। मधुर और रेणु की एक बेटी सिद्धि है। वर्कफ़्रंट की बात करें तो मधुर भंडारकर जल्द ही दर्शकों के सामने फिल्म बबली बाउंसर लेकर आने वाले हैं,जो इस साल अंत तक रिलीज होगी।

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