
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्य सचिवालय में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में कुल 16 एजेंडों पर मुहर लगी।

बैठक में महत्वपूर्ण एजेंडों में 12 जिलों में अति पिछड़ी छात्राओं के लिए कन्या आवासीय विद्यालय खोलने का निर्णय लेते हुए इसके लिए राशि आवंटित करे पर निर्णय लिया गया।
पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अंतर्गत राज्य के 12 जिलों कैमूर, सुपौल, पूर्वी चंपारण, सीवान, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर, खगड़िया, शेखपुरा, गोपालगंज, बेगूसराय, भोजपुर और बक्सर में 520 विद्यार्थियों की क्षमता वाले एक-एक अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू स्कूलों के भवन निर्माण के लिए प्रति स्कूल 46 करोड़ 35 लाख 28,000 की लागत से कुल 556 करोड़ 23 लाख, 36 हजार रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। इस योजना से 12 जिलों में प्रति स्कूल 520 छात्राओं के पढ़ने, रहने के लिए विद्यालय भवन छात्रावास भवन का निर्माण कराया जा सकेगा। इससे कुल 6240 छात्राएं लाभान्वित होंगी।
गया एयरपोर्ट पर एविएशन टरबाइन फ्यूल की वैट दर को 29 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत किये जाने का निर्णय लिया गया है।
इस निर्णय से गया हवाई अड्डा से बिक्री होने वाले एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर वैट की दर 29 फीसदी की बजाय चार फीसदी की दर से भुगतान होगा।
इससे गया हवाई अड्डे पर न केवल विमान की आवाजाही की संख्या में बढ़ोतरी होगी बल्कि ईंधन की खपत में भी वृद्धि होगी।
सदर अस्पतालों में ड्रेसर के 210 पदों की स्वीकृति
राज्य के 35 सदर अस्पतालों में ड्रेसर के 210 पदों के सृजन को कैबिनेट से स्वीकृति मिली है। इससे राज्य की आम जनता को स्थानीय स्तर पर बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। राज्य सरकार को ड्रेसर के इन 210 पदों के सृजन से हर साल 7 करोड़ 35 लाख 30160 रुपये का अतिरिक्त व्यय होगा।
39 पदों के सृजन एवं तीन पदों के प्रत्यर्पण स्वीकृति
पटना के कदमकुआं स्थित बिहार औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला में 39 पदों के सृजन और तीन पदों के प्रत्यर्पण की स्वीकृति मिली है।
औषधि नियंत्रण प्रशासन के क्षेत्रीय कार्यालयों को दूर करने के लिए भारत सरकार द्वारा 34 करोड़ 75 लाख की राशि उपलब्ध कराई गई है, जिसके आलोक में राज्य सरकार द्वारा 23 करोड़ का राज्यांश दिया गया है यानी कुल राशि 57 करोड़ 89 लाख रुपये उपलब्ध हैं।
बिहार औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला अगम कुआं को सुचारू रूप से संचालित करने के उद्देश्य से तकनीकी कर्मी संवर्ग नियमावली 2019 का गठन किया गया है। नए नियमावली के गठन के बाद कुछ नए पदों के सृजन की आवश्यकता है।
औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला के पूर्व से सृजित तीन पद की वर्तमान में आवश्यकता नहीं रह गई है। ऐसे में उन तीनों पदों को प्रत्यर्पित किया जाता है। आगे अन्य पदों के सृजन के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
पीएमसीएच में पदों के सृजन की स्वीकृति
राज्य के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय से पीजी डिप्लोमा उत्तीर्ण छात्रों से कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर तीन साल के लिए 3990 फ्लोटिंग पदों के सृजन को स्वीकृत किया गया है, जबकि पीएमसीएच में विभिन्न विभागों के सृजन और उसके लिए शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक 229 पदों के सृजन को कैबिनेट ने स्वीकृति दी है।
इससे राज्य के चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों में इन्हें सीनियर रेजिडेंट, ट्विटर एवं अन्य चिकित्सा संस्थान में विशेषज्ञ चिकित्सक के रूप में नामित किया जायेगा।
सृजित कुल 3990 पद पर तीन वर्ष के लिए एक तिहाई की संख्या में विभक्त होंगे। पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के मानक के अनुसार गाइनोकॉलोजी समेत 10 विभागों का सृजन किया गया है। उनके लिए शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कुल 229 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।
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