सर्व शिक्षा : शिक्षकों के प्रशिक्षण में सरकारी राशि के बंदरबांट का आरोप, बिना टेंडर ही वेंडरों को किया गया नियुक्त
डीपीओ ने कहा आरोप निराधार, आवेदन मिलने पर होगी जाँच
सागर सूरज
मोतिहारी : जिले के सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत शिक्षकों के प्रशिक्षण को लेकर विभिन्न योजनाओं में आने वाले सरकारी राशी का जमकर बंदरबांट की ख़बरें आ रही है |
ज्यादातर मामलों में प्रशिक्षण की महज़ खाना पूर्ति करने का आरोप है और कागजों में एक बेहतर प्रशिक्षण कार्यक्रम की बात कहते हुये सभी राशी को कर्मचारियों एवं सर्वशिक्षा अभियान के अधिकारी द्वारा हड़प लेने के आरोप लग रहे है |
इधर आरोपों से इनकार करते हुए सर्व शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) हेमचन्द्र ने बीएनएम से बात करते हुए कहा कि बंदरबांट या प्रशिक्षनार्थी के असुविधा की कोई लिखित आवेदन नहीं मिला है | अगर मिलता है तो जांच की जाएगी |
मुख्यमंत्री सुरक्षा योजना के मद्दे नजर शिक्षकों को प्रशिक्षण को लेकर जारी 83 लाख की राशि का बड़े पैमाने पर बंदरबांट की खबर मिल रही है | प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले शिक्षकों का आरोप है कि शिक्षकों को प्रशिक्षण के दौरान खाना खिलाने एवं नाश्ता, स्टेसनरी के सामान जैसे नोट पैड और कलम आदि देने साथ ही प्रचार-प्रसार के लिए सभी स्कूलों में बैनर पोस्टर में इन रुपयों को खर्च करने का निर्देश था |
विभिन्य प्रखंडों के कुल 18000 शिक्षकों को भूकंप, आग, गैस सलेन्डर आदि सेफ्टी, सुरक्षा की प्रशिक्षण देनी थी, जो कागजों में तो कम्पलीट हो गयी लेकिन आरोप है कि चन्द सैकड़ों में सूचित एवं उपस्थित शिक्षकों के बीच बिना सही तरह से खाना, बिना नाश्ता और स्टेसनरी के ही इस प्रशिक्षण को अंजाम दे दिया गया | कही खाना की जगह नाश्ता तो कही पैड तो कही पेन दिया गया | कई स्कूलों में तो बैनर तक नहीं लगाये गए, जबकि सभी जगह 6\8 का बैनर लगाना था ताकि सभी शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर सके |
यही नहीं नियमानुसार 5 लाख से अधिक की राशि सम्बंधित सामानों और खाना नाश्ता के लिए टेंडर की प्रक्रिया है, जबकि 5 लाख से नीचे क्वोटेशन और 50,000 से नीचे बिना क्वोटेशन विपत्र की प्रक्रिया शामिल है | लेकिन राशियों के बंदरबांट के मद्देनजर वेंडरों के बीच कार्यों को बाँट दिया गया, ताकि इन नियमों से बची जा सके |
नियमानुसार वेंडर सम्बंधित प्रशिक्षण के पोषक क्षेत्र से ही होना चाहिए, लेकिन कई जगह ‘ट्रेनिंग कही और’ तो वेंडर कही और के |
बता दें कि सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत ऐसे कार्यों के लिए तक़रीबन 70 करोड़ रुपयें प्रत्येक वर्ष इस जिले को मिलते है | लेकिन आरोप है कि महज़ खाना पूर्ति करने हुए ऐसे राशियों का बंदरबांट किया जाता रहा है |
संभार पदाधिकारी आर पी सिंह से जब आरोपों के मद्देनजर बात की गयी तो उन्होंने आरोपों से इनकार करते हुए
कहा कि प्रशिक्षण संपन्न हो गए और प्रक्रिया पारदर्शी थी |
इधर आरोपों से इनकार करते हुए सर्व शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी हेमचन्द्र ने बीएनएम से बात करते हुए कहा कि बंदरबांट या प्रशिक्षकों के असुविधा की कोई लिखित आवेदन नहीं मिला है | अगर मिलता है तो जांच की जाएगी |
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