केरल की एक ऐसी मंदिर जिसमें स्त्री बनकर मंदिर जाते हैं पुरुष

केरल की एक ऐसी मंदिर जिसमें स्त्री बनकर मंदिर जाते हैं पुरुष

लोग स्त्री और पुरुष में फर्क भी नहीं कर पाते हैं

Reported By RAKESH KUMAR
Updated By RAKESH KUMAR
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केरल के एक ऐसी गांव है जिसकी एक ऐसी अनोखी परंपरा निभाई जाती है, जहां देवी के पूजा के लिए पुरुषों को स्त्री की तरह सबर कर जाना होता है

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हम सभी को पता है कि भारत की संस्कृति कितनी महान है| भारत में हर जगह की अपनी अपनी अलग संस्कृति और परंपराएं हैं| जिसे बड़े ही अनोखे तरीकों से मनाया जाता है| केरल के एक ऐसी गांव है जिसकी एक ऐसी अनोखी परंपरा निभाई जाती है, जहां देवी के पूजा के लिए पुरुषों को स्त्री की तरह सबर कर जाना होता है।

भारत में रंग-बिरंगे त्योहार मनाए जाते हैं,हर धर्म में अपने-अपने तौर तरीके होते हैं| जो एक बहुत ही अनूठा तरीके का  होता है| केरल के गांव में एक ऐसी तरीके की त्यौहार है ‘चमयाविलक्कू उत्सव’ यह केरल के कोल्लम जिले के देवी मंदिर में हर साल मार्च के महीने में लगाया जाता है। इस त्यौहार को देखने के लिए भारत से नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक आते हैं| क्योंकि इसमें सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि देवी की पूजा करने के लिए पुरुष स्त्री की तरह साड़ी और सजधज कर तैयार होकर उस पूजा में शामिल होते हैं| इसमें आस्था और भगवान में विश्वास रखने वाले लोग बहुत दूर-दूर से यह नजारा देखने के लिए आते हैं|

केरल में यह मान्यता है कि केरल के कोल्लम जिले में देवी मंदिर में देवों को खुश करने के लिए और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए हजारों पुरुष महिलाओं की तरह कपड़े पहन कर तैयार होते हैं| हम इसके बाद वह मंदिर में जाते हैं और देवी की आराधना में लीन हो जाते हैं| केरल के यह पर यहां दो दिवसीय वार्षिक उत्सव परंपरा और रीति रिवाजों और प्रथाओं के साथ मनाया जाता है| जिसमें सभी लोग बड़े हर्ष और उल्लास के साथ में सम्मिलित होते हैं|

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