कल्याणपुर विधानसभा का चुनाव हो सकता है रोचक, परिसीमन के बाद अस्तित्व मे आया था यह विधानसभा  

कल्याणपुर विधानसभा का चुनाव हो सकता है रोचक, परिसीमन के बाद अस्तित्व मे आया था यह विधानसभा  

Reported By SAGAR SURAJ
Updated By RAKESH KUMAR
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सागर सूरज

विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र मे चुनावी गर्माहट तेज हो गई । 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व मे आए इस विधान सभा क्षेत्र मे महज दो प्रखण्ड आते है, एक तो कल्याणपुर और दूसरा कोटवा । यही कारण है कि एनएच- 27 इस विधान सभा क्षेत्र को दो भागों मे विभक्त करती है। परिसीमन से पहले यह क्षेत्र केसरिया विधानसभा क्षेत्र मे आते थे । अब भी केसरिया विधान सभा मे कल्याणपुर ब्लॉक के कुछ पंचायत शामिल है ।

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परिसीमन के बाद पहली बार 2010 मे चुनाव सम्पन्न हुए थे, जिसमें जदयू के रजिया खातून विधायक बनी थी । इस चुनाव मे मनोज यादव दूसरे नंबर पर थे । सीपीआई के रामायण सिंह तीसरे नंबर पर थे ।  

उसके बाद 2015 मे हुये चुनाव मे भाजपा के सचिन्द्र प्रसाद सिंह विधायक बने । जबकि 2015 मे रजिया खातून महागठबंधन की उम्मीदवार थी, जिन्हे दूसरे स्थान पर जाना पड़ा । इस चुनाव मे मनोज यादव आरजेडी से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे, और तीसरे स्थान पर आ गए थे ।  

2020 के चुनाव मे राजद के मनोज कुमार यादव लगभग 1200 मतों के अंतर से भाजपा के सचिन्द्र प्रसाद सिंह को चुनाव हरा दिया था, तब जदयू और भाजपा एक साथ चुनाव मैदान मे थे । 2020 मे बसपा से चाँद मियां भी चुनाव लड़े थे और तीसरे नंबर पर रहते हुये छह हजार के आस पास मत लाया था ।

इस बार 2024 मे फिर जदयू- भाजपा साथ-साथ चुनाव लड़ती प्रतीत हो रही है और अगर भाजपा और जदयू के सीटों मे कोई फेर- बदल नहीं हुआ तो राजद और भाजपा अपने पुराने घोड़े पर ही दांव लगाना चाहेंगे । जाहीर है इस सीट पर लड़ाई गंभीर होगी ।

परिसीमन के बाद तीन चुनाव हुये और हर बार जीते हुये प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा । इस बार राजद के मनोज यादव ‘एंटी- इन्कमबंसी’ तो झेलेंगे ही, परंतु कोटवा - डिपऊ विवाद राजद प्रत्याशी को लाभ दे सकता है  । कोटवा हाइवे पर दीपऊ मोड पर प्रशासन द्वारा लगाए जा रहे बैरीयर को उखाड़ने के आरोप मे विधायक मनोज यादव एवं उनके समर्थकों पर प्रशासन ने मुकदमा दर्ज किया । इधर भाजपा प्रत्याशी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास कार्यों का लाभ मिल सकता है ।

इधर कयास ये भी लगाए जा रहे है कि कल्याणपुर विधानसभा जदयू के खाते मे जा सकती है और केसरिया भाजपा के खाते मे । लेकिन इसकी संभावना काफी कम है । कल्याणपुर विधान सभा क्षेत्र के बगल मे स्थित केसरिया विधान सभा क्षेत्र को जहां विश्व के सबसे ऊंचे बौद् स्तूप होने का गौरव प्राप्त है, वही कल्याणपुर के कैथवलिया मे बन रहे विराट रामायण मंदिर को लेकर दावा किया जा रहा है, कि यह विश्व का सबसे बड़ा मंदिर होगा जो कंबोडिया के अँकोरवाट मंदिर के तर्ज बन रहा है । यह मंदिर पटना हनुमान मंदिर के ट्रस्ट द्वारा बनाया जा रहा है ।

पूर्व विधायक मो. अब्दुल्ला की पत्नी रजिया खातून 2010 मे विधायक बनी थी और 2015 की चुनाव मे दूसरे नंबर पर आ गई थी, बगल के विधान सभा केसरिया मे जदयू की महिला विधायक शालिनी मिश्रा के होने से किसी दूसरे महिला को जदयू द्वारा फिर से टिकट देने की संभावना काफी कम है। शमिली मिश्रा बमपंथी नेता पूर्व कमला मिश्र मधुकर की पुत्री है। कमला मिश्र ‘मधुकर’ मोतिहारी संसदीय क्षेत्र से चार बार सांसद रह चुके है ।   

 

 

    

  

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