हरसिद्धि थाना वरीय अधिकारियो को करती है “मिस्लीड” ? गायघाट ‘शूट आउट’ मामले मे कोई प्रगति नही

हरसिद्धि थाना वरीय अधिकारियो को करती है “मिस्लीड” ? गायघाट ‘शूट आउट’ मामले मे कोई प्रगति नही

हमलावरों का फुटेज हुआ जारी, पहचान बताने वालों को 10 हजार का इनाम की घोषणा

Reported By SAGAR SURAJ
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हरसिद्धि थानाध्यक्ष पर पूर्व मे भी वरीय अधिकारियों को ‘मिस्लीड’ करने के आरोप लग चुके है। पूर्व मे थाना क्षेत्र के बैरिया डीह पंचायत के घोघराहा में जांच के दौरान एक पुलिस अधिकारी विभा रानी पर हमले की खबर आई, लेकिन इस मामले मे थानाध्यक्ष ने वरीय अधिकारी को सूचना दी की ऐसी कोई घटना नही घटी है। स्थानीय पत्रकारों पर आरोप लगा कि उनके द्वारा घटना को बढ़ा–चढ़ा कर पेश किया गया। जबकि घटना के एक दिन बाद उसी मामले मे पुलिस पर हमला के आरोप मे पांच लोगों को अभियुक्त बनाया गया।
 
 
सागर सूरज                       
 
मोतिहारी। हरसिद्धि थाना क्षेत्र के गायघाट चौक पर व्यवसायी कामता मिश्रा पर हुए कातिलाना हमले मामले मे पुलिस अब तक अंधेरे मे तीर मारती नजर आ रही है, जिसको लेकर स्थानीय पुलिस पर सवाल खड़े होने लगे है।
 
मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात, जो गंभीर कांडों को जल्द से जल्द उद्भेदन को लेकर पूरे बिहार मे सुर्खियों मे रह रहे है, उन्ही के अधिकारी के गलत व्यानी और उक्त मामले मे ‘शिथिलता’ सवालों के घेरे मे आ गया है। 
 
घटना के करीब दो सप्ताह बाद भी ना तो अब तक अपराधियो की पहचान हो सकी है और ना ही घटना के कारणो तक पुलिस पहुँच सकी है। जिसको लेकर आक्रोश पनपने लगा है और पीड़ित परिवार वाले दहशत के साये मे जीने को विवश है। 
हैरत तब हुई जब बृहस्पतिवार को पुलिस ने संभावित हमलावरों के सीसीटीवी फुटेज जारी करते हुए पहचान करने पर दस हजार के इनाम की घोषणा करते हुए इस मामले मे पूर्व मे दिए अपने बयान से यू- टर्न ले लिया ।
बताते चले कि घटना के तुरंत बाद पुलिस ने घटना मे शामिल हमलावरों के पहचान होने और घटना के पीछे जमीनी विवाद के एंगल होने का दावा किया था। मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों के बयान के आधार पर घटना को लेकर प्रारंभिक सूचना मीडिया को दी थी। मीडिया ने इसी बयान के प्रमुखता से प्रकाशित भी किया था ।
 लेकिन अब यह प्रतीत हो रहा है कि स्थानीय अधिकारियो ने विशेष कर हरसिद्धि थानाध्यक्ष ने मोतिहारी एसपी को फिर से ‘मिस्लीड’ यानि गलत बयानी करने का प्रयास किया है। घटना के बाद कुछ लोगों को पूछ-ताछ को लेकर ‘डिटैन’ किया गया था, जिसको पर्सनल बॉन्ड पर छोड़ दिया गया।
 
उल्लेखनीय है कि कामता मिश्रा को उनके दुकान पर ही तीन हमलावरों द्वारा गोली मार हत्या का प्रयास किया गया था। वर्तमान मे कामता मिश्र पटना मे इलाज के लिए भर्ती है, वही जिले के सभी व्यवसायी संगठन इस मामले को लेकर संदेहास्पद चुप्पी मे है। श्री मिश्र के परिवार वालो को मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात पर भरोसा है।
बताया गया कि घटना मे अगर हमलावरों की पहचान स्पष्ट नहीं हो तो अज्ञात पर मुकदमे होने से पुलिस स्वतंत्र हो कर अनुसंधान करती है, लेकिन नामजद अभियुक्त को पकड़ना और उद्भेदन दोनों ही आसान होता है। कामता मिश्रा के साथ-साथ शिक्षक राजकुमार सिंह दोनों का मुकदमा अज्ञात पर हुआ था । दोनों मे अभियुक्तों की पहचान अभी बाकी है। शिक्षक राजकुमार सिंह को दो गोली और 15 चाकू चिरैया थाना क्षेत्र मे मारे गये थे। 
 
इधर बताया गया कि हरसिद्धि थानाध्यक्ष पर पूर्व मे भी वरीय अधिकारियों को ‘मिस्लीड’ करने के आरोप लग चुके है। पूर्व मे थाना क्षेत्र के बैरिया डीह पंचायत के घोघराहा में जांच के दौरान एक पुलिस अधिकारी विभा रानी पर हमले की खबर आई, लेकिन इस मामले मे थानाध्यक्ष ने वरीय अधिकारी को सूचना दी की ऐसी कोई घटना नही घटी है। स्थानीय पत्रकारों पर आरोप लगा कि उनके द्वारा घटना को बढ़ा–चढ़ा कर पेश किया गया। जबकि घटना के एक दिन बाद उसी मामले मे पुलिस पर हमला के आरोप मे पांच लोगों को अभियुक्त बनाया गया।
 
 

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