
बिहार के बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई (Anand Mohan) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की डेट फाइनल हो गई है। 8 मई को इस मामले पर सुनवाई होगी। दिवंगत आईएएस जी. कृष्णैया की पत्नी उमा देवी की ओर से याचिका दायर की गई है। आनंद मोहन आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या में उम्रकैद की सजा काट रहे थे। पिछले दिनों ही नीतीश कुमार सरकार ने जेल मैनुअल में बदलाव किया। जिसके बाद आनंद मोहन की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया। 26 अप्रैल को पूर्व सांसद जेल से रिहा भी हो गए। अभी उनके बेटे आरजेडी विधायक चेतन आनंद की शादी है, जिसको लेकर काफी व्यस्त हैं।
पत्नी ने कहा था- हमारे साथ न्याय जरूर होगा
सुप्रीम कोर्ट में याचिका स्वीकार होने पर डीएम जी कृष्णैया की पत्नी ने कहा कि ये अच्छा संकेत है। मुझे न्यायालय पर भरोसा है। सुप्रीम कोर्ट हमारे साथ जरूर न्याय करेगा। सुप्रीम कोर्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनके फैसले को वापस लेने का निर्देश देगा।
जिस दिन आनंद मोहन की रिहाई हुई थी, उस दिन उमा कृष्णैया ने कहा था कि ये वोट बैंक की राजनीति है। बिहार सरकार ने राजपूत वोटों के लिए आनंद मोहन की रिहाई की है।
1994 में हुई थी जी कृष्णैय्या की हत्या
1985 बैच के आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैय्या महबूबनगर के निवासी थे, जो आज के तेलंगाना में आता है। पांच दिसंबर 1994 को बिहार के मुजफ्फरपुर में लोगों की भीड़ ने जी कृष्णैय्या की हत्या कर दी थी। जिस भीड़ ने जी. कृष्णैय्या की हत्या की उसका नेतृत्व आनंद मोहन कर रहा था। जिसके चलते आनंद मोहन के खिलाफ अदालत में सुनवाई हुई और साल 2007 में ट्रायल कोर्ट ने आनंद मोहन को मौत की सजा सुनाई। हालांकि 2008 में पटना हाईकोर्ट ने मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। अब बिहार सरकार ने नियमों में बदलाव कर आनंद मोहन को जेल से रिहा कर दिया है, जिस पर हंगामा मचा है।
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