
दुनिया भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए पावासन वायरस चुनौती बना हुआ है। टिक्स के काटने से फैलने वाले इस वायरस से होने वाली बीमारी का अभी तक उपाय नहीं खोजा गया है। वहीं इस वायरस के चलते अमेरिका में एक मौत का मामला भी सामने आया है।
इसके चलते मेन सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने कहा कि इस दुर्लभ वायरस से एक मौत के बाद स्वास्थ्य अधिकारी लोगों को घातक पोवासन वायरस बीमारी के बारे में सचेत कर रहे हैं, जो टिक से फैलने वाली एक लाइलाज बीमारी है। द इंडिपेंडेंट के अनुसार, अमेरिका में हर साल 25 लोग पावासन वायरस से संक्रमित होते हैं।
पावासन वायरस आमतौर पर संक्रमित हिरण टिक, ग्राउंडहॉग टिक या गिलहरी की टिक के काटने से मनुष्यों में फैलता है। हालांकि पावासन के मामले दुर्लभ हैं, लेकिन हाल के वर्षों में अधिक मामले सामने आए हैं । अमेरिका, कनाडा और रूस में इंसानों में पोवासन वायरस के संक्रमण की सूचना मिली है।
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार, पावासन वायरस से संक्रमित अधिकांश लोगों में बहुत कम लक्षण नजर आते हैं। जो लोग संक्रिमत होते हैं उनमें लक्षण सामने आने में 1 सप्ताह से 1 महीने तक का समय लग सकता है। शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी और कमजोरी शामिल हो सकते हैं। पावासन वायरस गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है, जिसमें मस्तिष्क का संक्रमण ( इंसेफ्लाइटिस) शामिल है। गंभीर बीमारी के लक्षणों में भ्रम, कोऑर्डिनेशन की कमी, बोलने में कठिनाई और दौरे शामिल हैं। गंभीर बीमारियों वाले 10 में से लगभग 1 व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।
Related Posts
Post Comment
राशिफल
Live Cricket
Recent News

Epaper
YouTube Channel
मौसम

Comments