
बिगनी मालाहीन : अगले लोकसभा चुनाव मे जनता साहब का पर्चा खोलेगी और साधु जी जिले के भविष्य का करेंगे निर्धारण

सागर सूरज
मोतिहारी : साहब के आगामी चुनाव की तैयारी को देख बिगनी मालाहीन की कुटिल मुस्कान कई तरह के सवालों को छोड़ गई | साहब नरेंद्र मोदी सरकार के नौ वर्ष पूरे होने के बहाने आगामी लोक सभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दिए है | बिगनी ने कहा साहब की पर्ची इस बार जनता खोलेगी |
इधर साहब ने जातियों और संगठनों के साथ कई तरह की मीटिंग और बैठक भी शुरू कर दिए है | साहब की भगवा पार्टी को जिले मे फिर धर्म ही सहारा होने वाला है, क्योंकि विकास तो गया तेल लेने | बिगनी ने कहा अगर ऐसा नहीं होता तो वे हरसिद्धि के एक सभा मे साहब 370 का सहारा नहीं लिए होते | हालांकि बिगनी 370, राम मंदिर जैसे मुद्दों का सपोर्ट भी करती है | कहती है 370 कश्मीर मे शांति और वोट दोनों देती है |
बिगनी ने कहा चुनाव 2024 मे है, लेकिन इस बार ये इश्क आसान नहीं होगा । गत दिनों भाजपा की लगातार हार के बाद अगर कुछ उम्मीद है तो मोदी मैजिक से, वरना अब तो जिले को गपपू राय के रूप मे एक मजबूत विपक्ष भी मिल गया है | बिगनी ने कहा कि गपपू राय ने गत दिनों दो –दो जबरदस्त छक्के मारे है और दोनों बौल स्टेडियम से बाहर जाकर गिरे, जो चौकाने वाला है | एक तो श्री राय जिला काँग्रेस के अध्यक्ष बने है, वहीं दूसरी ओर उनकी पत्नी ममता रानी जिला परिषद की अध्यक्ष बन गई है, ऐसे मे जिले का विपक्ष का उत्साह भी सातवें आसमान पर है | अब तो राजद के देवा गुप्ता की पत्नी प्रीती गुप्ता भी महापौर के रूप मे भाजपा के प्रत्याशी को ही हरा कर बनी है |
विगनी मलहीन कहती है, साहब के कारण ही जिले मे एमएलसी चुनाव मे भाजपा के प्रत्याशी बबलू गुप्ता चुनाव हार गए, जिला परिषद अध्यक्ष चुनाव मे भाजपा के सिटिंग अध्यक्ष प्रियंका जयसवाल चुनाव हार गई | प्रियंका भाजपा विधायक पवन जायसवाल की पत्नी है | स्नातक क्षेत्र का चुनाव और शिक्षक निर्वाचन चुनाव मे भी भाजपा की हार हुई | यही नहीं, साहब के नगर निगम महापौर चुनाव के अपने प्रत्याशी प्रकाश अस्थाना अच्छे चेहरा होने के बावजूद चुनाव हार है |
यही कारण है की साहब ने इस बार अपनी कमर कस ली है | भोज पर भोज और मीटिंग पर मीटिंग जातीय और धार्मिक गोलबंदी का शील-शीला शुरू हो गया है | इधर अंदर ही अंदर पार्टी के अंदर भी विरोधियों ने मोर्चे बंदी शुरू कर दी है, लेकिन पार्टी मे मजबूत पकड़ के कारण साहब से कोई भी सीधे टक्कर लेने की जहमत नहीं जुटा पा रहा है | ऐसे मे साहब के घमंड भी संतवे आसमान पर है |
फिर भी विधायक स्तर के लोग साहब पर नादिर शाही रवैया अपनाने के आरोप लगा चुके है | साहब के बैशय समाज के साथ मीटिंग पर बिगनी कहती है, उम्र बहुत हो गया है, किसी बैशय को लोकसभा का टिकट दे कर, साहब को मार्गदर्शक मंडल मे चला जाना चाहिए और बैशय प्रेम को साबित भी करना चाहिये | जिले मे वैश्य समाज से पवन जयसवाल, बबलू गुप्ता, नगर विधायक प्रमोद कुमार सरीखे चेहरे लोक सभा के लिए है | अगले चुनाव मे अगर टिकट बंटवारे मे गलतियां की गई तो जनता पर्चा खोलेगी और साधु जी जिले के भविष्य का निर्धारण करेंगे |
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