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बिगनी बोली – “कुर्सी है तुम्हारा ये जनाजा तो नहीं, कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते”
“अब आप पदाधिकारी नहीं है, सिर्फ प्रभारी है”, ये लाइन बिगनी मलाहीन के लिए जाना पहचाना सा लगा .......
सागर सूरज

मोतिहारी : “अब आप पदाधिकारी नहीं है, सिर्फ प्रभारी है”, ये लाइन बिगनी मलाहीन के लिए जाना पहचाना सा लगा | जब पूर्वी चंपारण जिले मे भाजपा के जिला कमिटी का गठन हुआ था और साहब के कई नापसंद चेहरों को कमिटी से बाहर करके या तो कोई प्रभार दिया गया या पूरी तरह से कमिटी से ही बाहर कर दिया गया | तब ये लाइन मोतिहारी के फिज़ाओं मे तैरी थी | ये लाइन साहब के ही होते थे |
बिगनी मलाहीन कहती है, अब ये लाइन फिर से प्रसंगिक हो गई | सात बार मोतिहारी से सांसद रहे और एक बार केन्द्रीय कृषि मंत्री रहे राधा मोहन सिंह को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने न केवल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से छुट्टी कर दी, बल्कि उक्त कमेटी में कोई जगह नहीं दी | राधा मोहन सिंह वर्तमान में यूपी के महज चुनाव प्रभारी है | भाजपा के अंदरखाने की सूचना है कि श्री सिंह से कभी भी ये पद भी छीना जा सकता है |
वैसे बिगनी को साहब से कोई व्यक्तिगत खुन्नस नहीं है | बिगनी शोषित,पीड़ित लोगों की आवाज है | जिले के तकरीबन 80 लाख जनसंख्या मे से लाखों ऐसे लोग जो विभिन्य पार्टियों मे या सरकारी अधिकारियों के शोषण के शिकार बनते रहे है, ऐसे लोगों की आवाज बिगनी है, जो अपने सख्त सवालों से घेरती रहती है | बिगनी तानाशाह और भ्रष्ट लोगों से नफरत करती है क्योंकि ऐसे लोगों के कारण ही उसकी मौत कुपोषण और असमय असाध्य विमारियों के कारण हो गई | भ्रस्टाचार ने उसे बृधा पेंशन तक नहीं होने दिया | वो नहीं चाहती उसकी कहानी सुन कर लोग घड़ियाली आँशु बहाए या अफसोश भी करे |
साहब की छुट्टियों के पीछे उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियां तो है ही साथ ही उनका नादिरशाही फरमान भी है | जिले के भाजपा के कई नेताओं को तानाशाह से मुक्ति चाहिए थी और पार्टी ने उनकी सुन ली | पूर्व एमएलसी बबलू गुप्ता, ढाका विधायक पवन जायसवाल, राजा ठाकुर अखिलेश सिंह, अब्दुल रहमान जैसे पार्टी के समर्पित नेता भी समय समय पर विरोध की आवाज उठाते रहे है |
लेकिन सैकड़ों कार्यकर्ताओं और नेताओ की सिसकियाँ तानाशाह के रियासत मे स्थित स्टेशन रोड के कार्यालय तक सुनी गई | विधायक, सांसद, महापौर, उपमहापौर, स्नातक क्षेत्र, शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से लेकर प्रमुख और मुखिया तक के चुनाव मे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हस्तक्षेप करने वाले साहब के अवसान के दिन बहुरने वाले है | साहब के अपने महापौर के प्रत्याशी के हार के साथ ही भाजपा के एमएलसी, स्नातक क्षेत्र, शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और जिला परिषद के अध्यक्ष तक के भाजपा प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा | ज्यादातर मामलों मे साहब पर ही वेवफ़ाई के आरोप लगे | बिगनी फुसफुसाई,“इनसे उम्मीद न रख ये सियासत वालों, ये किसी से भी मुहब्बत नहीं करते” |
साहब पर आरोप लगे कि वे एमएलसी चुनाव में भाजपा के सिटिंग एमएलसी बाबलू गुप्ता को ना मदत कर पूर्व विधायक महेश्वर प्रसाद सिंह की मदद किये, जिला परिषद के चुनाव मे भाजपा के सीटींग प्रियंका जयसवाल के विरुद्ध जाकर ममता राय की मदद किये वही कई समर्पित नेताओं का टिकट कटवाने और अपने चहेतों को टिकट दिलाने के आरोप भी खबरों में रही |
हालांकि इन आरोपों को साहब हमेशा खारिज करते रहे, लेकिन बिगनी मलाहीन कहती है, यही आरोप साहब को अब मार्गदर्शक मंडल में भेजने की तैयारी कर रही है | सांसद की टिकट भी साहब की कटेगी, क्योंकि अमित शाह और नरेंद्र मोदी 70 पार वालों को मार्गदर्शक मंडल में भेजना चाहते है |
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