आनंद मोहन ने सहरसा बंद कराया, एम्स, एयरपोर्ट, पावर ग्रिड बनवाने की मांग

आनंद मोहन ने सहरसा बंद कराया, एम्स, एयरपोर्ट, पावर ग्रिड बनवाने की मांग

कहा- अगली जीत का जश्नः सभी पार्टियों का मिला साथ

Reported By BORDER NEWS MIRROR
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जेल से रिहाई के बाद से ही पूर्व सांसद आनंद मोहन पूरी तरह से सक्रिय हैं। आज वो सहरसा की सड़क पर उतरे हैं, सहरसा बंद बुलाया है। सहरसा में एम्स, एयरपोर्ट, पारवर ग्रिड बनवाने की मांग को लेकर बंद बुलाया गया है।

जेल से रिहाई के बाद से ही पूर्व सांसद आनंद मोहन पूरी तरह से सक्रिय हैं। आज वो सहरसा की सड़क पर उतरे हैं, सहरसा बंद बुलाया है। सहरसा में एम्स, एयरपोर्ट, पारवर ग्रिड बनवाने की मांग को लेकर बंद बुलाया गया है।

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बात ये है कि इस आंदोलन में आनंद मोहन को तमाम सभी पार्टियों एवं संगठनों का साथ मिला है। आपको बताते चले की इस आंदोलन में सड़क पर आनंद मोहन के साथ RJD, JDU, BJP, लेफ्ट पार्टियों के कार्यकर्ता अपनी पार्टी अपने अपने झंडे के साथ नजर आ रहे हैं।

इस दौरान आनंद मोहन ने कहा कि ये दलगत राजनीति से ऊपर का आंदोलन है। ये बंद नहीं है, बल्कि अगली जीत का जश्न है।

सहरसा बंद को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम प्रशासनिक स्तर पर किए गए हैं। रेलवे ने भी रेल चक्का जाम करने की सुगबुगाहट को देखते हुए अपनी सतर्कता बढ़ा दी है।

पहले सहरसा बंद की तस्वीरें देखिए ...

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यह पहला मौका होगा जब सहरसा की उपेक्षा पर लोग एकजुट होकर बंद में शामिल हो रहे हैं। विकास के नाम पर सहरसा की निरंतर उपेक्षा को लेकर बीते महीने पहली बार एम्स निर्माण संघर्ष समिति की बैठक में पहुंचे पूर्व सांसद आनंद मोहन ने इस सवाल को लेकर 31 जुलाई को सहरसा बंद की घोषणा की थी।

2017 से चल रहा आंदोलन 

आपको बता दे की 2017 से ही सहरसा में उठ रहा एम्स का मुद्दा सहरसा में एम्स की स्थापना को लेकर साल 2017 से आंदोलन चल रहा है। सहरसा में दूसरे एम्स निर्माण की मांग को लेकर पटना हाईकोर्ट में लोकहित याचिका भी दायर है। 20 मार्च 2023 को सुनवाई के दौरान कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ को सुनवाई के दौरान बताया गया कि सहरसा के DM ने साल 2017 में ही एम्स निर्माण के लिए 217.74 एकड़ जमीन सतरकटैया अंचल के गोबरगढ़ा में उपलब्ध होने की जानकारी राज्य सरकार को दी थी।

जबकि दरभंगा जहां के लिए राज्य सरकार ने केन्द्र को दूसरे एम्स निर्माण की सैद्धांतिक सहमति दी थी, वहां की स्थिति यह है कि आज तक एम्स के लिए आवश्यक 200 एकड़ से अधिक जमीन उपलब्धन हीं हो पाई है।

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