#ISRO: ISRO करेगी अब चांद के बाद सूरज की स्टडी, आदित्य L-1 ऑब्जर्वेटरी को जल्द ही करेंगी लॉन्च

#ISRO: ISRO करेगी अब चांद के बाद सूरज की स्टडी, आदित्य L-1 ऑब्जर्वेटरी को जल्द ही करेंगी लॉन्च

आदित्य L-1 सूरज का अध्ययन करने वाला पहला भारतीय मिशन होगा।, धरती और सूरज के बीच की दूरी करीब 15 करोड़ km है।

Reported By BORDER NEWS MIRROR
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इंडियन स्पेस रिसर्स ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) चांद के बाद अब सूरज की स्टडी करने की तैयारी में है । इसरो जल्द ही आदित्य एल-1 नाम की ऑब्जर्वेटरी को अंतरिक्ष में भेजने वाला है। बेंगलुरु के यू आर राव सैटेलाइट सेंटर में बनी सैटेलाइट को इसके लिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर में लाया गया है। इससे आदित्य एल-1 को लॉन्च किया जाएगा।

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आदित्य L-1 सूरज का अध्ययन करने वाला पहला भारतीय मिशन होगा। इस स्पेसक्राफ्ट को सूरज - पृथ्वी के सिस्टम में लैगरेंज पॉइंट-1 (L1) के पास एक हैलो ऑर्बिट में प्लेस किया जाएगा। धरती और सूरज के बीच की दूरी करीब 15 करोड़ किमी है। लैगरेंज पॉइंट L1 धरती से करीब 15 लाख किमी दूर है।

ऐसे काम करेगा आदित्य L1

* सोलर एक्टिविटीज और रियल टाइम में अंतरिक्ष के मौसम पर उनके असर को समझा जा सकेगा।

*ये स्पेसक्राफ्ट सात पेलोड लेकर जाएगा जो इलेक्ट्रोमैग्नेट और पार्टिकल और मैग्नेटिक फील्ड डिटेक्टर्स की मदद से फोटोस्फेयर, क्रोमोस्फेयर और सूरज की बाहरी परतों की स्टडी करेंगे।

* L1 पॉइंट से चार पेलोड सीधे सूरज को देखेंगे और तीन पेलोड वहीं पर पार्टिकल्स और फील्ड की स्टडी करेंगे।

*आदित्य L1 सोलर कोरोना और उसके हीटिंग मैकेनिज्म के साइंस की स्टडी करेगा।

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ISRO 14 अगस्त को 11:30 से 12:30 बजे बीच तीसरी बार चंद्रयान- 3 की ऑर्बिट घटाएगा। अभी वो चंद्रमा की 174 Km x 1437 Km की ऑर्बिट में है। यानी चंद्रयान- 3 चंद्रमा की ऐसी अंडाकार कक्षा में घूम रहा है, जिसमें उसकी चांद से सबसे कम दूरी 174 Km और सबसे ज्यादा दूरी 1437 Km है।

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