मोतिहारी लोकसभा का चुनाव प्रचार खत्म, बिगनी बोली .. राधा मोहन और राजेश मे कांटे की टक्कड़
राधा मोहन के साथ -साथ उनके दरबारियों की इज्जत भी दांव पर
सागर सूरज
गुरुवार को चुनाव प्रचार खत्म होते ही चुनावी युद्ध का अंतिम शंखनाध हो चुका है | 25 मई को दोनों ही गठबंधन के मतदाता रूपी सेना अपने –अपने प्रत्याशी को राज तिलक के मद्दे -नजर मतदान करेंगे | ऐसे मे चुनाव प्रचार खत्म होते ही बिगनी मलाहीन चुनावी सिनेरीओ पर कुछ बात करने को लालायित लग रही है | वही पुरानी अंदाज उंगलियों मे बलखाती बीड़ी और लंबे कश के साथ चुनावी चर्चा |
क्या लग रहा है पत्रकार साहब | क्या यह चुनाव हिंदुस्तान के अंतिम बादशाह बहादुर शाह जफ्फर के ताबूत की अंतिम कील साबित होगी या फिर जफ़र की सातवीं बार ताजपोशी | बिगनी का इशारा मोतिहारी सांसद सह भाजपा प्रत्याशी राधा मोहन सिंह की ओर था | बिगनी के इस सवाल से मै घबड़ाया नहीं बल्कि चुनावी चर्चा को लेकर खुद को तैयार कर लिया |
बिगनी आम आदमी की एक प्रतीकात्मक चेहरा है, जो राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था पर अपना विचार रखती रही है | बोली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के सभी बड़े नेताओं के मोतिहारी आगमन और स्थानीय स्तर पर शहर के प्रबुद् लोगों, कुछ चर्चित चिकित्सकों और दरबारी पत्रकारों के अपने प्रोटोकॉल को तोड़ कर सड़क पर भाजपा के लिए उतरने के बाद भी क्या साहब की स्थिति 4 लाख पार वाली दिखती है क्या ? | इस सवाल से मेरी उत्सुकता को थोड़ी बाल मिली तो मै भी सवाल दागने लगा |
बोली, इंडिया गठबंधन प्रत्याशी राजेश कुशवाहा के मोतिहारी के रोड शो मे बैशयों की भागीदारी कुछ अलग ही कहानी कह रही है | भाजपा ने बैशयों के नाराजगी को दूर करने के लिए कई बैशय नेताओं को उतारा, लेकिन महापौर प्रीती गुप्ता की इंडिया गठबंधन प्रत्याशी के लिए मेहनत और उनके कार्यक्रमों की भीड़ तो भाजपा के इस एक मुश्त वोट बैंक मे छिद्र कर ही दिया है | भले ही ढाका विधायक पार्टी निर्देशों को मान कर ऊपरी तौर पर साहब के लिए प्रचार कर रहे हो, लेकिन भाजपा के पूर्व एमएलसी बाबलू गुप्ता और पवन जायसवाल जैसे नेता और उनके समर्थक क्या अपने इन बैशय नेताओं को भूल जाएगी | जाहीर सी बात है बैशय मे भीतरघात की आपार संभावनए दिख रही है |
कुशवाहा प्रत्याशी पहली बार इस लोक सभा को मिल है वैसे मे उपेन्द्र कुशवाहा फैक्टर तो यहाँ पूरी तरह शून्य दिख रहा है | 20 से 25 % मत भी साहब ले पाए तो बड़ी बात होगी | इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी मुकेश साहनी की पार्टी से है | सहनी वोटर भी भाजपा का कोर वोटर रहा है, इसमे भी 50-50 % के असर लग रहे है | भूमिहार और ब्राह्म संगठनों ने तो खुल कर साहब का विरोध करना शुरू कर दिया है | ब्राह्मणों मे बाहुबली राजन तिवारी और उधयोगपती राकेश पांडे भी अपनी विराददारी मे साहब के विरुद्ध वोट पर काम कर रहे है | राकेश पांडे गाँव- गाँव घूम कर राजेश कुशवाहा के लिए वोट मांग रहे है |
Tejashvi-Mukesh ने छठे चरण के प्रचार के अंतिम दिया ऐसा क्या कर दिया की एनडीए को फिर से मिर्ची लग गई
जनरल कैटेगरी मे 100 % राजपूतों का वोट साहब के साथ है | बिगनी बोली, ये सारे मतों का ब्लॉक भाजपा का ही है जिसमे छिद्र होता नजर आ रहा है | भूमिहारों का संगठन और कई भाजपा नेता भी साहब का विरोध कर रहे है | भाजपा नेता अखिलेश सिंह तो मोतिहारी मे प्रचार नहीं कर कहीं और चले गए है | पहली बार यह चुनाव क्षेत्रीयता की ओर जाता दिख रहा है | मुस्लिम और यादव अपने –अपने गठबंधन के साथ है | और कुछ जातियों के वोट को खरीदने का भी सिलसिला चलेगा |
मैंने पूछा, लेकिन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी फैक्टर भी तो बहुत ही बड़ा है | बिगनी के अपने बीड़ी के अंतिम कश लगते हुए बोली, हा है- मोदी का अपना हर जाती मे वोट है और यही वोट साहब को चुनाव जितवा सकता है | लोग चाहते है मोदी फिर प्रधान मंत्री बने लेकिन कई क्षेत्रों मे भाजपा के स्थानीय प्रत्याशियों के प्रति लोगों मे भारी आक्रोश भी है | वैसे साहब भी लगातार मतदाताओं से माफी मांगते दिख रहे है अगर लोगों ने माफ कर दिया साहब चुनाव जीत सकते है अन्यथा इस लोक सभा की अभी तक जो तस्वीर दिख रही है और अगर ऐसा ही हुआ तो साहब के समर्थकों के लिए यह चुनाव यादगार हो सकता है और साहब का ताज भी छिन भी सकता है, लेकिन ये सब अंतिम समय मे मतदाताओं के मूड पर निर्भर करता है |
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