सफेदपोशों के आगे नतमस्तक दिखा प्रशासन, हरसिद्धि में अतिक्रमण कार्रवाई पर सवाल
मोतिहारी, पूर्वी चंपारण। जिले के हरसिद्धि प्रखंड मुख्यालय और बाजार क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रशासन की कार्रवाई एक बार फिर विवादों में है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन का बुलडोजर केवल गरीबों और कमजोर तबके के अतिक्रमण पर चला, जबकि सफेदपोशों और पूंजीपतियों के अवैध निर्माणों को छोड़ दिया गया। इससे प्रशासन की निष्पक्षता और मंशा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

बीते दिनों शुरू की गई अतिक्रमण हटाने की मुहिम के दौरान सड़कों के किनारे फेरी लगाने वालों, छोटे दुकानदारों और अस्थायी ढांचों को बुलडोजर से हटाया गया। कई परिवारों की आजीविका पर असर पड़ा, तो कुछ की दुकानें पूरी तरह उजड़ गई। वहीं, बाजार के मुख्य हिस्सों में मौजूद बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान, पक्के निर्माण और रसूखदार व्यक्तियों के कब्जे जस के तस बने रहे। लोगों का कहना है कि स्थानीय थाना और अंचलाधिकारी की मिलीभगत से यह पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की गई। स्थानीय नागरिकों ने कहा कि यदि कानून सबके लिए समान है, तो कार्रवाई भी बिना भेदभाव के होनी चाहिए। उनका आरोप है कि जब गरीबों की दुकानें तोड़ी जा रही थीं, तब प्रभावशाली लोगों के अवैध कब्जों की ओर प्रशासन की नजर तक नहीं गई। इससे जनता में भारी असंतोष फैल गया है और प्रशासन की कार्यशैली को लेकर हरसिद्धि में अविश्वास बढ़ता जा रहा है।
कुछ पीड़ित दुकानदारों ने बताया कि बिना किसी पूर्व सूचना या वैकल्पिक व्यवस्था के उनकी दुकानें तोड़ दी गईं। वहीं, बंद पड़े पेट्रोल पंप की जमीन, जिसे पहले प्रशासन ने सील किया था, उस पर अब एक हार्डवेयर दुकानदार ने छड़, गिट्टी और बालू रखकर दोबारा अतिक्रमण कर लिया है। ऐसे कई स्थान हैं जहां सरकारी जमीन पर पक्के मकान बनते देखे जा रहे हैं, पहले प्रशासन रोक लगाता है और फिर चुपचाप निर्माण पूरा हो जाता है। इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई चरणबद्ध तरीके से चल रही है और भविष्य में कोई भी नहीं बचेगा। अधिकारी यह भी दावा कर रहे हैं कि किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा।हालांकि, जमीन पर तस्वीर कुछ और ही बयां करती है। कमजोरों पर बुलडोजर और रसूखदारों पर खामोशी। यही असमानता हरसिद्धि में विवाद और नाराजगी का कारण बन गई है। जनता अब निष्पक्ष कार्रवाई की मांग कर रही है ताकि प्रशासन अपनी विश्वसनीयता फिर बहाल कर सके l
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