
एसपी करेंगे आरटीआई कार्यकर्ता प्रताड़ना मामले की जांच, विशेष शाखा ने दिया आदेश
बेगूसराय। लॉकडाउन के दौरान 15 अप्रैल की रात सूचना का अधिकार (आरटीआई) के राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित कार्यकर्ता गिरीश प्रसाद गुप्ता की पिटाई का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। इस संबंध में पीड़ित आरटीआई कार्यकर्ता 75 वर्षीय गिरीश प्रसाद गुप्ता ने बिहार के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, डीजीपी, डीएम और एसपी को आवेदन देकर मामले की उच्च स्तरीय जांच करते हुए न्याय की गुहार का त्राहिमाम संदेश भेजा था। प्रताड़ना से संबंधित चार आवेदन गृह विभाग के विशेष शाखा को भेजा था। इसी पर संज्ञान लेते हुए गृह विभाग के विशेष सचिव ने एसपी को जांच का आदेश दिया है, जांच कर एक माह में प्रतिवेदन विभाग को उपलब्ध कराएंगे। पीड़ित गिरीश प्रसाद गुप्ता ने बुधवार को बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सूचना की मांग करने पर प्रताड़ित करने, यह झूठे मुकदमे में फंसाने की जांच के लिए गृह विभाग में एक कोषांग का गठन किया गया है। इसी कोषांग द्वारा जांच का आदेश दिया गया है, कोषांग की समीक्षा गृह विभाग के प्रधान सचिव स्तर पर की जाती है। उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल की रात लॉकडाउन की आड़ में आपसी रंजिश- भड़ास निकालने और पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर बदला लेने के उद्देश्य से तेघड़ा एसडीओ, बीडीओ, सीओ, पशुपालन पदाधिकारी के साथ आए फुलवरिया थाना अध्यक्ष सुमंत चौधरी ने रात में आठ बजे घर से जबरन उठा लिया और थाना पर ले जाकर प्रताड़ित किया गया, जमकर पिटाई की गई। 2006 से ही आरटीआई के माध्यम से भ्रष्टाचार से संबंधित सैकड़ों मामलों को उजागर करने के कारण ऐसा किया गया है। सुनियोजित षड्यंत्र के तहत प्राथमिकी दर्ज करवा कर एसडीओ ने बॉडीगार्ड के हाथों जमकर पिटाई कराई।
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