नेपाल भारतीय भूमि पर बनाया ‘वाच टावर’, बराज मामले में पीछे हटा

नेपाल भारतीय भूमि पर बनाया ‘वाच टावर’, बराज मामले में पीछे हटा

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सागर सूरज @बीएनएम मोतिहारी: नेपाल ने भारतीय क्षेत्र में घुस कर एक सीमा पिलर को हटा कर उस पर एक वाच टावर बना लिया है। मामला बिहार के रक्सौल के पास स्थित पिलर न. 292/13 से 292/18 के बीच का बताया जाता है। नेपाल द्वारा इस भारतीय भूमि के कब्जे( Nepal encroached indian land) को […]

सागर सूरज @बीएनएम

मोतिहारी: नेपाल ने भारतीय क्षेत्र में घुस कर एक सीमा पिलर को हटा कर उस पर एक वाच टावर बना लिया है। मामला बिहार के रक्सौल के पास स्थित पिलर न. 292/13 से 292/18 के बीच का बताया जाता है। नेपाल द्वारा इस भारतीय भूमि के कब्जे( Nepal encroached indian land) को लेकर कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है परन्तु एसएसबी ने बताया है की वहां के दो सहायक पिलरों के बीच स्थित एक माइनर पिलर गायब है, जबकि स्थानीय ग्रामीण बताते है कि उक्त स्थान को नेपाल ने अतिक्रमण कर लिया है।
उधर गंडक बराज के 18 पिलरों के पास स्थित एप्लेक्स बांध मरम्मती कार्यों पर से नेपाल ने अपने रोक को कुछ शर्तों के साथ मंगलवार को वापस ले लिया है। जबकि पूर्वी चम्पारण के लालबकया नदी के तटबंध का पुनर्निर्माण मामले में बिहार के पूर्वी चंपारण के अधिकारियों का नेपाल से ‘गतिरोध’ जारी है ( india-nepal standoff on border, Gandak, Lalbakya river) चंपारण के आपदा प्रबंधन पदाधिकारी अनिल कुमार ने मंगलवार को ‘बॉर्डर न्यूज़ मिरर’ से बात करते हुए बताया कि इस बांध के बचे हुये कार्य अभी तक शुरू नहीं हो सके है।


जिलाधिकारी नेपाल के अधिकारियों से बात कर रहे है, लेकिन नेपाली अधिकारियों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा है। आपदा पदाधिकारी ने बताया कि हलाकि लाल बकेया नदी पर बन रहे तटबंध के पुनर्निर्माण कार्य 99% पूरा हो चुका है सिर्फ एक तरफ का फिनिशिंग कार्य बचा हुआ है जिसको नेपाल प्रशासन ने ये कहते हुये रोक लगा दी है कि बांध का करीब 500 मीटर का क्षेत्र ‘नो-मेन्स’ लैंड’ का इलाका है और इस बांध के टूटने से नेपाल का एक गाँव प्रभावित होता है।
सहमती ये बनी कि उक्त विवादास्पद भू-खंड की मापी करवाई जाये।
मामले की लिखित जानकारी सरकार के अलावा नेपाल स्थित भारतीय एम्बैसी को भी दे दी गयी है। सरहदी इलाकों के मापी करने वाली देहरादून की टीम मापी करने को तैयार है, परन्तु नेपाल के तरफ से समय निर्धारित नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा इस बार इस बांध की चौड़ाई 15 फिट की जगह 25 फिट कर दी गयी है एवं उचाई को भी काफी बढ़ा दिया गया है। बांध पर पिचिंग एवं पत्थरों को लगा दिया गया है ताकि बांध की मजबूती बनी रहे।
उधर वल्मिकिनगर बराज मामले में बगहा के अनुमंडल पदाधिकारी विशाल राज ने कहा कि जल संसाधन विभाग एवं एसएसबी का नेपाली अधिकारियों के साथ 36 न. गेट पर एक बैठक हुई जिसमे नेपाली अधिकारियों ने इस इलाके में कार्य करने वाले भारतीय अधिकारी एवं अन्य कर्मियों का प्रवेश से पहले कोविड-19 निगेटिव प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की बात कही है। बताते चलें कि ढाका में गंडक बराज के 36 गेट में 18 गेट नेपाल और 18 गेट भारत में हैं। भारतीय सीमा स्थित गेट संख्या 17 तक बांध की मरम्मत हो चुकी है। लेकिन, नेपाल के हिस्से में पडऩे वाले 18 वें से लेकर 36 वें गेट तक बने बांध की मरम्मत नहीं हो सकी है।

नेपाल जानबूझ कर सीमा पर खड़ा कर रहा विवाद

बताते चलें कि ढाका में गंडक बराज के 36 गेट में 18 गेट नेपाल और 18 गेट भारत में हैं। भारतीय सीमा स्थित गेट संख्या 17 तक बांध की मरम्मत हो चुकी है। लेकिन, नेपाल के हिस्से में पडऩे वाले 18 वें से लेकर 36 वें गेट तक बने बांध की मरम्मत नहीं हो सकी है। ढाका स्थित लाल बकेया नदी पर बन रहे तटबंध के पुनर्निमाण कार्य पर रोक लगा दी है। इससे उत्तर बिहार की नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है और सूबे के 11 जिलों पर बाढ़ का संकट गहरा गया है। इधर नेपाल लगातार किसी ना किसी मामले को लेकर सीमाई क्षेत्र पर विवाद पैदा कर रहा है। सीतामढ़ी गोली कांड, रक्सौल सीमा के पास करोना मरीज को दफ़न करना एवं कुंडवाचैन पूर बॉर्डर पर एसएसबी के साथ नेपाली ग्रामीणों की झड़प लगातार दोनों देशों के बीच खटास पैदा कर रहे है।
भारत नेपाल के बीच लिपुलेख, कालापानी व लिंपियाधुरा के सीमा विवाद व अन्‍य मसलों पर बढ़ते तनाव (India Nepal Tension) के बीच नेपाल कोई ना कोई बहाना लेकर पूर्वी चंपारण, प. चंपारण एवं सीतामढ़ी जिलों में जगह-जगह सीमा पर विवाद खड़ा कर रहा है।

लगातार बारिश एवं बराज द्वारा पानी छोड़ने से बाढ़ का खतरा

नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र समेत उत्तर बिहार में लगातार बारिश का दौर जारी है। सोमवार को नेपाल के पोखरा में  6.5 मिमी तथा भैरवा में 15.2 मिमी बारिश होने के चलते मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, वैशाली, गोपालगंज व सारण जिले में गंडक नदी में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। जबकि, नेपाल के काठमांडू में हुई 40 मिमी बारिश से मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, समस्तीपुर व खगडिय़ा में बागमती में उफान उत्पन्न हो सकता है। इसके मद्देनजर सभी मुख्य अभियंताओं को तटबंधों पर नजर रखने और नियमित रूप से पेट्रोलिंग का निर्देश दिया है।

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