मुख्यमंत्री ने किया  रेलवे स्टेशन का स्थलीय निरीक्षण

मुख्यमंत्री ने किया रेलवे स्टेशन का स्थलीय निरीक्षण

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देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरुवार को ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के अन्तर्गत बने ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर पौधरोपण भी किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों से रेलवे स्टेशन में अवस्थापना सुविधाओं की जानकारी ली।  मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र […]
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरुवार को ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के अन्तर्गत बने ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर पौधरोपण भी किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों से रेलवे स्टेशन में अवस्थापना सुविधाओं की जानकारी ली। 
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि योग नगरी ऋषिकेश में बने इस रेलवे स्टेशन को आधुनिक स्वरूप दिया गया है। रेलवे स्टेशन के निर्माण में पर्यावरणीय अनुकूलन का विशेष ध्यान रखा गया है। बुजुर्गों व दिव्यांगों के हिसाब से अलग से यूटिलिटी की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद प्रदेशवासियों को आवागमन की सुविधा तो होगी ही, साथ ही श्री बदरीनाथ एवं श्री केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को भी काफी सुविधा होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अवस्थापना विकास के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को कई सौगातें दी हैं। आल वेदर रोड, हवाई कनेक्टिविटी एवं रेल लाइनों के निर्माण से उत्तराखण्ड में आवागमन की सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। डोईवाला-उत्तरकाशी रेल लाइन बनने के बाद उत्तराखण्ड के चारों धाम रेल कनेक्टिविटी से जुड़ जायेंगे। 
उन्होंने रेलवे स्टेशन के निरीक्षण के बाद चन्द्रेश्वर नगर, ऋषिकेश में बन रहे 7.5 एमएलडी के मल्टीपर्पज सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का औचक निरीक्षण भी किया। यह एसटीपी नमामि गंगे योजना के तहत उत्तराखण्ड पेयजल निगम द्वारा बनाया गया है। 12 करोड़ रुपये की लागत के इस एसटीपी से चन्द्रेश्वर नाला, ढ़ालवाला नाला एवं श्मशान घाट नाला को टेप करने के बाद शोधन किया जा रहा है। शोधित जल की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप होने पर गंगा नदी में छोड़ा जा रहा है। यह भारत का पहला एसटीपी है, जिसे बहुमंजिला इमारत के रूप में तैयार किया गया है। इसकी ऊंचाई 21 मीटर है।मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा कि निर्मलता एवं अविरलता बनाये रखने के लिए नमामि गंगे के तहत प्रदेश में विभिन्न जगहों पर एसटीपी बनाये जा रहे हैं। गंगा की निर्मलता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से नमामि गंगे के तहत देशभर में अनेक कार्य हो रहे हैं। एसटीपी से शोधित जल का सिंचाई के लिए भी उपयोग किया जायेगा। 
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, मेयर अनीता मंमगाई, अपर सचिव (पेयजल) उदयराज एवं रेल विकास निगम लि. के अधिकारी उपस्थित थे।

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