
देश सेवा करना चाहते हैं कारगिल शहीदों के बच्चे
Reported By BORDER NEWS MIRROR
Updated By BORDER NEWS MIRROR
On
झुंझुनू। झुंझुनू जिले के शहीद लांस नायक खड़गसिंह कारगिल युद्ध के दौरान 6 मई 1999 को शहीद हुए थे। वे 12 जाट रेजीमेंट थे। शहीद खड़गसिंह की इच्छा थी कि बच्चे पढ़ लिखकर नाम कमायें। इसी सपने को पूरा किया है उनकी तीन बेटियों और एक बेटे ने। एक बेटी ने डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी […]
झुंझुनू। झुंझुनू जिले के शहीद लांस नायक खड़गसिंह कारगिल युद्ध के दौरान 6 मई 1999 को शहीद हुए थे। वे 12 जाट रेजीमेंट थे। शहीद खड़गसिंह की इच्छा थी कि बच्चे पढ़ लिखकर नाम कमायें। इसी सपने को पूरा किया है उनकी तीन बेटियों और एक बेटे ने। एक बेटी ने डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी कर ली है। वहीं तीन बेटे और बेटी अभी एमबीबीएस कर रहे है। शहीद खड़गसिंह का परिवार देश का पहला परिवार बनेगा जिसके सभी बच्चे डॉक्टर होंगे।
झुंझुनू जिले के नंगली गुजरान गांव से शहीद खड़गसिंह शहीद होने वाले पहले सैनिक थे। खड़गसिंह ने कारगिल युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ाए और देश की रक्षा में अपने जान भी गवां दिए। शहीद वीरांगना मनोहरी देवी ने बताया कि उन्हें सरकार से सारा पैकेज मिल गया। लेकिन सरकारी नौकरी नहीं मिली है। जबकि सरकार ने कई शहीद परिवारों को बतौर अनुकंपा के नौकरी प्रदान की है लेकिन कई परिवार आज भी दो दशक बाद इसके लिए चक्कर काट रहे हैं। जब खड़गसिंह शहीद हुए थे तो उनकी सबसे छोटी बेटी बबली मात्र 10 महीने की थी।
शहीद खड़गसिंह का परिवार पूरे देश के लिए आदर्श भी हैं क्योंकि खड़गसिंह का सपना था कि उनका बेटा आर्मी ज्वाइन करें और बेटियां पढ लिखकर नाम रोशन करें। अब बेटा ही नहीं बल्कि तीनों बेटियां डॉक्टर बनने की राह पर हैं। उनकी बड़ी बेटी सुनिता तो एमबीबीएस पूरी कर अब चिकित्सक के रूप में सेवाएं भी दे रही है। छोटी बेटी ममता जयपुर से एमबीबीएस तथा बेटा संदीप तथा बेटी बबली दिल्ली से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे है। बेटे की इच्छा है कि वह एमबीबीएस करने के बाद सेना में बतौर चिकित्सक सेवा दें। उसके लिए वह अभी से तैयारी भी कर रहा है। सम्भवतः खड़गसिंह देश के एकमात्र ऐसे शहीद भी होंगे जिनकी चारों बेटे-बेटियां डॉक्टर बनेंगे। नगंली गुजरान के ग्रामीण बताते है कि खड़गसिंह को सेल्यूट करने के लिए तब खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी आए थे।
जिले के बसावा गांव के दशरथ कुमार यादव 6 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध के मैदान में दुश्मनों से लड़ रहे थे। इसी दौरान दुश्मन का एक बम उन पर गिरा और वे शहीद हो गए। शहीद वीरांगना दुर्गा देवी ने अपने पुत्र योगेंद्र यादव को डॉक्टरी की पढ़ाई करवा रही है। ताकि वह डॉक्टर बन कर देश व समाज की सेवा कर सके।
बिशनपुरा गांव के हवलदार शीशराम गिल सेना में शार्प शूटर माने जाते थे। इसी कारण बेस्ट फायरिंग पर उन्हें सिपाही से सीघे लांस नायक बनाया गया था। अपने सटीक निशाने से कारगिल युद्ध में उन्होंने दुश्मन के कई सिपाहियों को मार गिराया था। 11 जुलाई 1999 को वे कारगिल युद्ध में दुश्मनों के हमले में शहीद हो गए थे। कारगिल युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देने पर उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र देकर सम्मानित किया गया। जो उनकी वीरांगना संतरा देवी ने प्राप्त किया था। शहीद हवलदार शीशराम गिल का छोटा बेटा सेना में भर्ती होकर अपने पिता की तरह ही मातृभूमि की रक्षा में डटा हुआ है।
जिले के बुहाना क्षेत्र के नरात गांव के शहीद गोपाल सिंह जम्मू-कश्मीर के उरी क्षेत्र में शहीद हुए थे। उनका बेटा कंवरपाल सिंह भी अपने पिता की तरह ही सेना में भर्ती हो गया और वर्तमान में वह पांच राज राइफल में बीकानेर में तैनात है। बिसाऊ कस्बे के शहीद रामस्वरूप सिंह के पुत्र सुनील चैधरी ने भी अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए चिकित्सक बनकर देश सेवा का रास्ता चुना है। डॉक्टर सुनील जयपुर में एनएसथीसिया में पीजी कर रहे हैं। शहीद की पुत्री सुनीता भी दंत चिकित्सक बनकर झुंझुनू में सेवा कर रही है।
बंधा की ढाणी निवासी सेना मेडल विजेता शहीद भगवान सिंह की वीरांगना आज भी अपने बेटे को सरकारी नौकरी मिलने का इंतजार कर रही है। विजेश देवी ने बताया कि उनके पति की शहादत के समय उनके बेटे कमलदीप सिंह की उम्र 8 वर्ष, छोटा बेटा भूपेंद्र सिंह 6 वर्ष और बेटी सुप्रिया 3 वर्ष की थी। अब तीनों बच्चों ने स्नातक स्तर की पढ़ाई कर ली है। राज्य व केंद्र सरकार ने शहीद परिवार के एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की घोषणा कर रखी है। लेकिन तीनों में से किसी बच्चे को आज तक सरकारी नौकरी नहीं लग पायी है।
लांस नायक भगवान सिंह 27 राजपूत रेजीमेंट में कार्यरत थे कारगिल के सियाचिन ग्लेशियर की थर्ड चौकी पर उन्होने 16 पाक घुसपैठियों को मार कर चौकी पर तिरंगा फहराया था। तभी वहां बने बैंकर में मौजूद दुश्मन ने उन पर फायरिंग कर दी। 28 जून को गोली लगने से वो शहीद हो गये थे। उनकी वीरता को देखते हुए उनको मरणोपरांत सेना मेडल प्रदान किया गया था जिसे उनकी वीरांगना विजेश देवी ने ग्रहण किया था।
Related Posts
Post Comment
राशिफल
Live Cricket
Recent News

23 Apr 2025 20:07:43
सागर सूरज विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र मे चुनावी गर्माहट तेज हो गई ।...
Epaper
YouTube Channel
<% items = items.slice(0, 5); %>
<% let n=0; items.forEach((r)=>{ if(n == 0) { n++; return; } %> <% n++; %> <% }); %>
<%- className == "" ? "" : '
' %> <% items.forEach(function(r) { %> <% }); %> <%- className == "" ? "" : "
" %> मौसम

Comments