
बेंगलूरु। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने राज्य में कोरोना महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के कायाकल्प के लिए जापानी निवेशकों के समक्ष कई प्रस्ताव रखे। भारतीय वाणिज्य मंडलों द्वारा आयोजित इंडो-जापानी व्यापार मंच को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने निवेशकों के लिए एकल खिड़की और नीति-चालित वातावरण की स्थापना करके निवेश के […]
बेंगलूरु। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने राज्य में कोरोना महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के कायाकल्प के लिए जापानी निवेशकों के समक्ष कई प्रस्ताव रखे। भारतीय वाणिज्य मंडलों द्वारा आयोजित इंडो-जापानी व्यापार मंच को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने निवेशकों के लिए एकल खिड़की और नीति-चालित वातावरण की स्थापना करके निवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया है।
जापानी कंपनियों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को प्रोत्साहित करते हुए मुख्यमंत्री ने बुधवार को निवेश प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सभी सुविधाएं प्रदान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि भारत और जापान अच्छे व्यापारिक संबंध साझा करते हैं। राज्य में एक जापानी औद्योगिक टाउनशिप है टुमकुरू। 519.55 एकड़ में फैली इस टाउनशिप में सभी बुनियादी सुविधाएं हैं। इस टाउनशिप में इंजीनियरिंग, ऑटोमोटिव, मशीनरी और एयरोस्पेस इकाइयों को अनुमति दी गई है।
येदियुरप्पा ने कहा कि निवेशक केंद्रित दृष्टिकोण रखते हुए सरकार ने एक समृद्ध कर्नाटक का निर्माण करने और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए नई औद्योगिक नीति 2020-2025 शुरू की है। भारत और जापान प्राकृतिक भागीदार हैं और साझेदारी को और मजबूत करना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण आर्थिक परिवर्तन प्राप्त करने के लिए भारत सभी क्षेत्रों में जापानी कंपनियों से एफडीआई निवेश को प्रोत्साहित करता है। उन्होंने कहा कि जापानी कंपनियों के लिए भारत सबसे आकर्षक निवेश स्थलों में से एक है। जापान से भारत में एफडीआई 2017-18 में 1.6 बिलियन अमरीकी डालर से बढ़कर 2019-20 में 3.2 बिलियन अमरीकी डालर हो गया। हमारे लिए कर्नाटक में जापान एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
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