मोतिहारी के एसबीआई के मुख्य शाखा मे घपले के मामले मे आरबीआई के द्वारा नए निर्देश जारी करने की संभावना

मोतिहारी के एसबीआई के मुख्य शाखा मे घपले के मामले मे आरबीआई के द्वारा नए निर्देश जारी करने की संभावना

Reported By BORDER NEWS MIRROR
Updated By BORDER NEWS MIRROR
On
सागर सुरज  मोतिहारी: मोतिहारी के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य शाखा मे कटे-फटे नोटों के गड्डियों को गायब कर बैंक अधिकारियों के द्वारा करोड़ों रूपये की हेरा-फेरी किये जाने का मामला प्रकाश मे आने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा ऐसे मामलों के पुनरावृती को रोकने को लेकर सभी बैंको को कई […]

सागर सुरज

 मोतिहारी: मोतिहारी के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य शाखा मे कटे-फटे नोटों के गड्डियों को गायब कर बैंक अधिकारियों के द्वारा करोड़ों रूपये की हेरा-फेरी किये जाने का मामला प्रकाश मे आने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा ऐसे मामलों के पुनरावृती को रोकने को लेकर सभी बैंको को कई तरह का नया निर्देश और परामर्श जारी करने की संभावना है।

आरबीआई के एक अधिकारी ने बताया है कि मोतिहारी में एसबीआई के मुख्य शाखा मे अधिकारियों के द्वारा नोटों के हेराफेरी बैंकों के शीर्ष अधिकारियों की सांठगांठ से की गई है उन्होने बताया कि बैंक अपनी जाँच पूरी कर लेता है, तो उसके बाद आरबीआई तकनीकी गड़बड़ियों और बैंकों के अधिकारियों की संलिप्तता का पता लगाने के लिए अपनी जाँच शुरू करेगा, उन्होंने  नाम नही छापने के अनुरोध करते हुए कहा कि वह मामले पर टिप्पणी करने के लिए अधिकृत व्यक्ति नहीं हैं।

 क्षेत्रीय प्रबंधक अमित रंजन और मोतिहारी भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के मुख्य प्रबंधक राकेश कुमार को निलंबित क्षेत्रीय प्रबंधक एसपी झा और मुख्य प्रबंधक रजनीश कुमार के स्थान पर पदास्थापित किया गया है।  दोनों अधिकारियों ने अपना कार्यभार संभाल लिया है।

बताया गया कि बैंक के जांच अधिकारी एसबीआई की मुख्य शाखा से कटे-फटे नोट गायब करने के मामले मे अन्य लोगो की पहचान करने की कोशिश कर रहे है।  बैंक के अधिकारी जो साल दो बार जांच चेस्ट बैंक को जांच करते हैं, लेकिन किसी भी जांच दल ने आरबीआई टीम को इस मामले से अवगत नहीं कराया, आरबीआई भी हर छह महीने में कम से कम एक बार चेस्ट शाखा की जांच करती है। अधिकारी ने कहा, हम मामले के सभी पहलुओं को देख रहे हैं।

 आरबीआई के निर्देशों पर, इस बैंक के नौ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। बता दे कि आरबीआई द्वारा 2016-17 में इस धोखाधड़ी का उद्भेदन अपने ऑडिट रिपोर्ट मे किया था, जब इसकी टीम ने शाखा में बोल्ट के करोड़ों रुपये गायब पाए थे।

 सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) एमके सिंह आखिरकार दोषी अधिकारियों के निलंबन आदेश के बाद मीडिया के सामने आए और बताया कि बैंक के कुछ शीर्ष अधिकारियों की सांठगांठ से धोखाधड़ी हुई है।  प्रारंभिक जांच में, हमने आरएम, सीएम, पूर्व सीएम, सीएम अनुपालन और लेखाकार सुधीर गुप्ता सहित नौ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है।

बताया गया कि बैंक के लगभग सभी शीर्ष अधिकारी मोतिहारी में कैंप कर रहे हैं और बैंक के सभी संबंधित अधिकारियों से पूछताछ कर रहे हैं। 

सूत्रों की मानें तो और अधिक अधिकारियों को जांच टीम की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, उन्होंने कहा कि कटे-छटे नोटों के बंडल लाखों में हैं, जिसका मिलान प्रवेश रजिस्टरों से किए जा रहे हैं।  शुरुआत में यह बात सामने आई थी कि रिजर्व बैंक के साथ कटे- छटे नोटों के आदान-प्रदान में धोखाधड़ी की गई थी, लेकिन बाद में अधिकारियों ने हेरा- फेरी की वास्तविक कहानी को स्पष्ट किया।

Related Posts

Post Comment

Comments

राशिफल

Live Cricket

Recent News

Epaper

मौसम

NEW DELHI WEATHER