
नई दिल्ली। देश में बढ़ती बेरोजगारी के मुद्दे पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। उसका कहना है कि कोरोना महामारी के समय जहां अन्य देश अपने लोगों को नौकरियां देने एवं आर्थिक सहयोग का हाथ बढ़ा रहे हैं, वहीं भारत में युवाओं के हाथ से रोजगार छीना जा रहा है। गैर जरूरी खर्चों में कटौती से जुड़े केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर कांग्रेस ने कहा कि नई नौकरियों के सृजन पर रोक लगाना ‘जन विरोधी कदम’है। वह सरकार से अपने इस आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग करती है। साथ ही ज्यादा से ज्यादा नौकरियां दी जानी चाहिए।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा वर्तमान में देश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। 45 साल में जीडीपी सबसे न्यूनतम स्तर पर है। ऐसे में आर्थिक संकट के इस दौर से उबरने के लिए जरूरी है कि सरकार आगे आकर लोगों की मदद करे। उन्होंने कहा, दुनिया के अन्य हिस्सों में सरकारें लॉकडाउन के बाद के हालात में लोगों की नौकरी बचाने का प्रयास कर रही हैं। निजी कंपनियों की आर्थिक मदद कर वेतन सुनिश्चित करने का काम हो रहा है लेकिन भारत में प्राइवेट क्षेत्र में तो छंटनी चल ही रही है, सरकार ने नया आदेश जारी कर सरकारी नौकरियों पर भी रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वो अपने हजारों-लाखों करोड़ वाले बड़े प्रोजेक्ट्स को बंद कर युवाओं को रोजगार देने पर ध्यान केंद्रित करे।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के डाटा पर राजीव शुक्ला ने कहा कि सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि 15 से 29 साल के आयु वर्ग में 17.8 प्रतिशत नौकरियां गई। इसके अलावा 20 अगस्त तक 1.89 करोड़ लोगों को रोजगार गंवाना पड़ा। उन्होंने कहा कि ये आंकड़ा सरकारी एजेंसी का है। वो भी तब जब 2014 में चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर साल 2 करोड़ नौकरी का वादा कर सत्ता में आए थे। कांग्रेस नेता ने पूछा कि जब निजी और सार्वजनिक क्षेत्र हर तरफ बुरा हाल है, तो ऐसी स्थिति में सरकार ने नौकरी रोकने का सर्कुलर कैसे और क्यों जारी किया? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि सरकारी नौकरियों को ठप करने का जो आदेश सरकार ने दिया है उसे वापस लिया जाए। साथ ही ज्यादा से ज्यादा नौकरियां दी जानी चाहिए। सरकार ने अगर स्थिति को समय रहते नहीं संभाला, तो हमारी अर्थव्यवस्था का हाल और बुरा होगा।
दरअसल, कोरोना महामारी के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़े दुष्प्रभाव के चलते केंद्र सरकार ने वित्तीय हालात से निपटने के लिए खर्चों में कटौती करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत मंत्रालयों, उनसे जुड़े विभागों, सांविधानिक संस्थाओं और स्वायत्त संस्थाओं में नए पद सृजन पर रोक लगा दी गई है। साथ ही खाली पदों पर नई भर्ती नहीं करने की भी बात कही गई है। इसी प्रस्ताव को वापस लिए जाने की मांग कांग्रेस पार्टी ने की है।
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