
वॉशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रयासों से इज़राइल के साथ संयुक्त अरब अमीरात के बीच पूर्ण राजनयिक संबंधों के बाद खाड़ी के एक और देश बहरीन को इज़राइल से दौत्य संबंधों की इबारत लिखी जा रही है। इसे मध्य पूर्व एशिया में शांति स्थापना के मार्ग में एक महत्वपूर्ण कड़ी बताया जा रहा है। संयुक्त अरब अमीरात के साथ-साथ भारत के इज़राइल और बहरीन से भी मधुर संबंध हैं।
ट्रम्प ने शुक्रवार को अपने ट्विटर हैंडल पर बहरीन और इज़राइल के बीच दौत्य संबंधों के बारे में एक संयुक्त बयान से इस आशय की खबर की घोषणा की। उन्होंने इस कदम को “मध्य पूर्व में शांति के लिए एक ऐतिहासिक सफलता” बताया है। राष्ट्र्पति ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 11 सितंबर 2001 की सालगिरह, आतंकवादी हमले की घोषणा के लिए एक यह एक उपयुक्त दिन था। उन्होंने कहा, “9/11 से उत्पन्न नफरत के बाद इस से बेहतर यह शक्तिशाली प्रतिक्रिया नहीं है।’
इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात द्वारा पिछले महीने इसी तरह की घोषणा की गई थी कि वे संबंधों को सामान्य करेंगे। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू वेस्ट बैंक से लगे इलाक़ों के बारे में भी सहानुभूति पूर्ण विचार करेंगे। ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस समझौते के बाद अन्यान्य अरब देशों को भी क़रीब आने का मौक़ा मिलेगा और वे शत्रुतापूर्ण व्यवहार को विराम देंगे।
राष्ट्रपति ट्रम्प की ओर से नवंबर चुनावों से पूर्व इस तरह के ताबड़तोड़ समझौतों से ट्रम्प दुनिया में अपने को एक शांति दूत के रूप में प्रतिस्थापित करना चाहते हैं, हालांकि इन समझौतों से फिलिस्तीनी समुदाय अपने को अलग-थलग मान कर चल रहा है।
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