
ऋषिकेश। अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे से पेट्रोल और डीजल तैयार होगा। इसके लिए एम्स का सीएसआईआर – इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम (आईआईपी) देहरादून और सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन (एसडीसी) से करार हुआ है। एम्स में आयोजित बैठक में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर रविकांत, सीएसआईआर-आईआईपी के निदेशक डॉ. अंजन रे […]
ऋषिकेश। अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे से पेट्रोल और डीजल तैयार होगा। इसके लिए एम्स का सीएसआईआर – इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम (आईआईपी) देहरादून और सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन (एसडीसी) से करार हुआ है।
एम्स में आयोजित बैठक में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर रविकांत, सीएसआईआर-आईआईपी के निदेशक डॉ. अंजन रे और सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने करार पर हस्ताक्षर किए।
करार के मुताबिक तीनों एम्स ऋषिकेश में प्लास्टिक बैंक की स्थापना करेंगे। इसमें संस्थान से निकलने वाले सिंगल यूज प्लास्टिक कचरे को एकत्र किया जाएगा। इस कचरे की आईआईपी में साइंटिफिक टेक्निक से रिसाइक्लिंग होगी। इसके बाद इससे डीजल व पेट्रोल तैयार किया जाएगा। इस करार पर प्रोफेसर रविकांत ने खुशी जताई है।
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