प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना स्वास्थ्य देखभाल  में महत्वपूर्ण कदमः डॉ. हर्षवर्धन

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना स्वास्थ्य देखभाल में महत्वपूर्ण कदमः डॉ. हर्षवर्धन

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नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की दूसरी वर्षगांठ पर आरोग्य मंथन 2.0 की अध्यक्षता की। इस अवसर पर मंत्रालय के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी उपस्थित रहे। डॉ. हर्षवर्धन ने योजना को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य […]

नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की दूसरी वर्षगांठ पर आरोग्य मंथन 2.0 की अध्यक्षता की। इस अवसर पर मंत्रालय के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी उपस्थित रहे। डॉ. हर्षवर्धन ने योजना को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है, जो सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के 53 करोड़ से अधिक भारतीयों को प्रतिवर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा प्रदान कर उन्हें माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल के अंतर्गत अस्पतालों में निःशुल्क उपचार की सुविधा दे रही है। 

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर लगभग 6 करोड़ परिवार गरीबी रेखा से नीचे के हैं, जिनमें आधी महिलाएं हैं। इन दो वर्षों में इस योजना के अंतर्गत 1.26 करोड़ लाभार्थियों का नि:शुल्क उपचार किया गया है। इस योजना में 23,000 से अधिक अस्पताल सूचीबद्ध हैं और अब तक 12.5 करोड़ ई-कार्ड जारी किए गए हैं।  योजना के तहत इस्तेमाल की गई कुल राशि का 57 प्रतिशत कैंसर, हृदय रोग, हड्डी रोग और नवजात शिशु रोग जैसी प्रमुख बीमारियों के उपचार के लिए खर्च किया जाता है। 

डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि देश में 1,50,000 स्वास्थ्य आरोग्य केन्द्र स्थापित कर रहे हैं। छोटे देशों में सार्वभौम देखभाल का लक्ष्य हासिल करना आसान हो सकता है, लेकिन भारत जैसे विशाल देश में यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसे हम बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सूचीबद्ध अस्पतालों में 45 प्रतिशत निजी अस्पताल है, जहां कुल उपचार 52 प्रतिशत कार्य किया जाता है और इन अस्पतालों में कुल दाखिलों का 61 प्रतिशत भाग बनता है।

डॉ. हर्ष वर्धन ने इस योजना का लाभ देश के किसी भी भाग में प्राप्त करने की विशेषता का उल्लेख किया। साथ ही एबी-पीएमजेएवाई एंटी-फ्रॉड फ्रेमवर्क प्रेक्टिशनर गाइड बुक का भी विमोचन किया। इस गाइड बुक से राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों के क्षमता निर्माण और इन एजेंसियों को धोखाधड़ी की रोकथाम, पता लगाने और नियंत्रण के लिए कारगर उपाय करने में सहायता मिलेगी।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस वर्ष इस बात का फोकस किया जाएगा कि पीएम-जेएवाई नेटवर्क आबादी के उन ऐसे समूहों को उपचार सुविधाएं प्रदान कर सके, जो कि इससे अभी वंचित हैं। ये समूह हैं- कूड़ा बीनने वाले, सड़क दुर्घटना से पीड़ित लोग, ट्रक चालक आदि।

केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि पीएम-जेएवाई सार्वभौम स्वास्थ्य कवरेज का दायरा बढ़ाने में सहायक होगी। उन्होंने  कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री के सर्वे भवंतु सुखिनः, सर्वे संतु निरामया के सपने को साकार करेगी। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण-एनएचए के सीईओ डॉ. इंदु भूषण और स्वास्थ्य मंत्रालय तथा एनएचए के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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