
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) की त्रिनगर से विधायक प्रीति तोमर के खिलाफ चुनावी हलफनामे में गलत सूचना देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रीति तोमर को नोटिस जारी किया है। जस्टिस राजीव शकधर की बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया। प्रीति […]
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) की त्रिनगर से विधायक प्रीति तोमर के खिलाफ चुनावी हलफनामे में गलत सूचना देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रीति तोमर को नोटिस जारी किया है। जस्टिस राजीव शकधर की बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया। प्रीति आप सरकार में कानून मंत्री रह चुके जितेंद्र तोमर की पत्नी हैं।
याचिका नवीन पराशर ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि प्रीति तोमर ने अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत सूचना दी। उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में खुद को एमएससी और बीएड पास बताया है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील अनिल सोनी ने कोर्ट को बताया कि प्रीति तोमर बीए पास भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि प्रीति तोमर ने अपने हलफनामे में कहा है कि उन्होंने 1994 में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से बीएड किया था जब कि 1994 में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में ऐसा कोई कोर्स था ही नहीं।
याचिका में कहा गया है कि प्रीति ने अपनी शिक्षा के बारे में झूठी जानकारी देकर मतदाताओं को बेवकूफ बनाया है। ऐसा करना भ्रष्ट आचरण के तहत आता है और यह जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन है।
उल्लेखनीय है कि पिछली 17 जनवरी को प्रीति तोमर के पति जीतेंद्र तोमर का निर्वाचन हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया था। जीतेंद्र तोमर के खिलाफ 2015 के चुनाव के नामांकन में अपनी शिक्षा की गलत जानकारी देने का आरोप था। जीतेंद्र सिंह तोमर को 2015 में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार में कानून मंत्री बनाया गया था लेकिन जुलाई 2015 में उन्हें दिल्ली पुलिस ने फर्जी डिग्री के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि कुछ वक्त के बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। अभी ये मामला कोर्ट में लंबित है।
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