
सूरत/अहमदाबाद। कोरोना संकट चलते चार महीने के लॉकडाउन के बाद अनलॉक प्रक्रिया के तहत सूरत का डायमंड उद्योग की रौनक फिर लौटने लगी है। दीपावली पर एशियाई देशों से हीरे की पॉलिश की मांग बढ़ने से भी हीरा व्यापारियों और ज्वैलर्स को राहत दिख रही है। इसके तहत मांग का 83 प्रतिशत और राजस्व में 12,000 करोड़ […]
सूरत/अहमदाबाद। कोरोना संकट चलते चार महीने के लॉकडाउन के बाद अनलॉक प्रक्रिया के तहत सूरत का डायमंड उद्योग की रौनक फिर लौटने लगी है। दीपावली पर एशियाई देशों से हीरे की पॉलिश की मांग बढ़ने से भी हीरा व्यापारियों और ज्वैलर्स को राहत दिख रही है। इसके तहत मांग का 83 प्रतिशत और राजस्व में 12,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है।
वर्तमान में अभी कोरोना संकट के चलते सूरत का हीरा उद्योग 80 प्रतिशत कार्यबल के साथ ही शुरू हो पाया है। दीपावली पर ज्वैलर्स को भी अच्छे कारोबार की संभावना है। ऐसे में लॉकडाउन के बाद हीरा उद्योग में पूरी रौनक आने की संभावना है।
जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के अध्यक्ष दिनेश नवाडिया ने गुरुवार को बताया कहा कि वर्तमान में अप्रैल-सितम्बर 2019 और 2020 के बीच 37 प्रतिशत की गिरावट थी, लेकिन इसमें अब 83 प्रतिशत कवर किया गया था। घरेलू बाजार बहुत अच्छा है। श्रमिकों की मांग में भी जबरदस्त वृद्धि हुई है। डायमंड इंडस्ट्रीज ने 75 से 83 प्रतिशत तक कार्यबल के साथ काम करना शुरू कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी काफी सकारात्मक माहौल देखा जा रहा है इसलिए हीरे और आभूषण निर्माण में भी मांग बढ़ी है।
कोरोना के अनलॉक के बीच सूरत के हीरा कारोबार को अमेरिका, हांगकांग, यूरोप और दुबई जैसे देशों से भी ऑर्डर मिल रहे हैं। इसलिए सूरत के हीरा उद्योग में माहौल कुछ अलग दिख रहा है।
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