
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सोमवार को सैन्य वार्ता का 8वां दौर होगा। दोनों देशों के बीच कमांडर स्तरीय यह वार्ता एक हफ्ते के भीतर होने जा रही है। इससे पहले 12 अक्टूबर को हुई सातवें दौर की बातचीत में भारत ने चीन के सामने कई प्रस्ताव रखे थे, जिन पर अमल करने का फैसला चीन […]
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सोमवार को सैन्य वार्ता का 8वां दौर होगा। दोनों देशों के बीच कमांडर स्तरीय यह वार्ता एक हफ्ते के भीतर होने जा रही है। इससे पहले 12 अक्टूबर को हुई सातवें दौर की बातचीत में भारत ने चीन के सामने कई प्रस्ताव रखे थे, जिन पर अमल करने का फैसला चीन पर छोड़ा गया था। इधर वार्ता से पहले चीन की सेना पीएलए ने लद्दाख सीमा के पास गाइडेड मिसाइल से जोरदार युद्धाभ्यास किया है। इस दौरान 90 फीसदी नए हथियारों का इस्तेमाल किये जाने का दावा किया गया है।
भारत-चीन के बीच सोमवार को होने वाली सैन्य वार्ता में पहली बार भारत का नेतृत्व सेना की 14वीं कॉर्प के लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन करेंगे। चीन के साथ सात दौर की वार्ता करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह का तबादला भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून हो गया है। उनकी जगह नई दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय से आये लेफ्टिनेंट जनरल मेनन ने 13 अक्टूबर को जनरल हरिंदर सिंह से चार्ज ले लिया है। हालांकि चीन के साथ पिछली दो सैन्य वार्ताओं में मेनन भी शामिल हुए हैं लेकिन अब यह बैठक उनकी ही अगुवाई में होगी। पिछली बैठक में भारत ने चीन के सामने कई प्रस्ताव रखे थे, जिन पर अमल करने का फैसला चीन पर छोड़ा गया था। इसलिए इस बैठक में उन्हीं मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है कि चीन ने अपने सैनिकों को सीमा से पीछे हटाने, हथियार की तैनाती कम करने के बारे में क्या फैसला लिया है।
हालांकि भारत-चीन की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता गोपनीय रहती है लेकिन सूत्रों का कहना है कि भारत ने पिछली बैठक में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सामने पहले टैंक, तोपखाने और फिर सैनिकों को पीछे हटाने का प्रस्ताव रखकर एक रोडमैप बनाने को कहा था। हथियारों को पहले हटाने के लिए इसलिए कहा गया था ताकि किसी भी दुर्घटना को रोका जा सके। भारत का कहना है कि चरणबद्ध वापसी, सत्यापन प्रक्रिया और फिर डी-एस्केलेशन के माध्यम से सैनिकों का व्यापक रूप से विघटन होना चाहिए। भारत चाहता है कि लद्दाख की 1597 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ चीन को अप्रैल 2020 के पहले की स्थिति बहाल करनी चाहिए।
दूसरी ओर वार्ता से पहले चीनी सेना पीएलए ने भारत पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए लद्दाख सीमा से सटकर युद्धाभ्यास किया है। दावा किया गया है कि यह अभ्यास 4700 मीटर की ऊंचाई पर पीएलए के तिब्बत थिएटर कमांड की ओर से किया गया, जिसमें 90 फीसदी नए हथियारों का इस्तेमाल किया गया। चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने इस अभ्यास का एक वीडियो भी जारी किया है। इस वीडियो में नजर आ रहा है कि अंधेरे में ड्रोन विमानों की मदद से हमला बोलकर चीनी सेना की रॉकेट फोर्स एक पूरे पहाड़ी इलाके को तबाह कर देती है। चीनी सेना ने गाइडेड मिसाइल के हमले का भी अभ्यास किया, जिसमें जमकर बम बरसाए गए। पीएलए के सैनिकों ने कंधे पर रखकर दागे जाने वाली मिसाइलों का भी प्रदर्शन किया। माना जा रहा है कि चीनी अखबार ने 8वें दौर की भारत-चीन वार्ता पर दबाव बनाने के लिए यह वीडियो जारी किया है।
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