
कानपुर। अक्टूबर माह आते ही हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आलू और प्याज के दाम आसमान छूने लगे, यहां तक कि सेब के दाम की बराबरी हो गयी। इस पर सब्जी मंडियों में सेब बेचने वाले ग्राहकों को तंज कसते हुए बिक्री करते देखे जा रहे हैं, लेकिन अब पंजाब व हिमांचल से […]
कानपुर। अक्टूबर माह आते ही हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आलू और प्याज के दाम आसमान छूने लगे, यहां तक कि सेब के दाम की बराबरी हो गयी। इस पर सब्जी मंडियों में सेब बेचने वाले ग्राहकों को तंज कसते हुए बिक्री करते देखे जा रहे हैं, लेकिन अब पंजाब व हिमांचल से आलू और राजस्थान व महाराष्ट्र से प्याज की आवक मंडी में आनी शुरु हो गयी है। वहीं प्रशासन की सख्ती के चलते कोल्ड स्टोरेज का भंडारण खत्म हो रहा है और माल मंडी पहुंच रहा है। ऐसे में पूरी संभावना है कि दीपावली बाद आलू और प्याज के दामों में भारी गिरावट होगी। हालांकि अभी फुटकर बाजार में मंहगे दाम पर इसलिए बिक रहा है कि व्यापारी महंगे दाम पर माल को खरीदकर रखे हुए हैं।
आलू और प्याज के दामों में पिछले दो महीनों में जबरदस्त उछाल आया, खासकर प्याज के दामो में तो आठ गुना तक की बढ़ोत्तरी हुई। ऐसे में लोगों के किचन में प्याज का तड़का लगभग गायब हो गया। वहीं होटलों में भी प्याज के लिए ग्राहकों को अलग से रुपये देना पड़ता है। यही नहीं सड़कों पर ठेला खुमचे वाले चाट, बताशा और चाउमीन आदि में प्याज की जगह मूली का प्रयोग करने लगे। यही हाल आलू का भी है और करीब तीन गुना तक दाम बढ़े। मसलन 10 से 15 रुपये में बिकने वाल आलू 40 से 45 रुपये किलो जा पहुंचा और 10 से 15 रुपये प्रति किलो बिकने वाला प्याज 70 से 80 रुपये किलो जा पहुंचा। वहीं सेब के दामों में गिरावट हुई और 40 से 50 रुपये किलो बिकने लगा। इसी के चलते बाजारों में सेब बेचने वाले दुकानदार ग्राहकों पर तंज कसते हुए कहते हैं कि आलू प्याज की जगह सेब खाओ और सेहद बनाओ। कुछ भी हो, खासकर अक्टूबर माह के दूसरे पखवारे से महिलाओं के किचन के बजट में अधिक भार पड़ा है और आलू व प्याज के प्रयोग में कमी आयी है। इन सबके बीच अब खुशखबरी यह है कि पंजाब और हिमांचल से आलू की आवक मंडी में शुरु हो गयी है तो वहीं राजस्थान के अलवर और महाराष्ट्र के नासिक से प्याज की भी आवक आने लगी है। इससे थोक दामों में कमी होने लगी है, हालांकि इसका फायदा अभी आम लोगों को इसलिए नहीं मिल पा रहा है कि व्यापारियों के पास पुराने दामों का माल रखा हुआ है। व्यापारी पहले पुराने दामों का माल बेच रहा है और नया माल नहीं खरीद रहा है। चकरपुर मंडी के पंकज कुशवाहा और हरिशंकर सिंह ने बताया कि बाहरी माल आना शुरु हो गया है और दामों में भी कमी हो रही है। दीपावली के बाद आवक में और तेजी आएगी, जिससे आम लोगों को भी दामों में राहत मिलने लगेगी।
खाली हो रहे कोल्ड स्टोरेज
आलू के दामों की बढ़ोत्तरी को रोकने के लिए प्रशासन ने भी सख्त कदम उठाया है और सख्त निर्देश हैं कि कोल्ड स्टोरेज में भंडारण नहीं होगा। इसलिए कोल्ड स्टोरेज का आलू अब बराबर मंडी पहुंचने लगा है। वहीं कोल्ड स्टोरेज वालों को यह भी भय हो गया है कि बाहरी आवक होने से माल को बेचनें में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। ऐसे कोल्ड स्टोरेज का माल और बाहरी माल एक साथ मंडी पहुंचने पर दामों में तेजी से गिरावट होने की संभावना है।
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