
मोतिहारीः इस वर्ष धनतेरस से लेकर दीपावली तक तिथियों की ऐसी स्थिति बनी है जिससे आम लोगों में उलझन की स्थिति पैदा हुई है। दरअसल एक ही तिथि दो दिन आने से यह दिक्कत है। लेकिन कोई भी त्योहार दो दिन नहीं मनाया जा सकता इसके लिए शास्त्रों में कुछ नियम बनाए गए हैं। धनतेरस […]
मोतिहारीः इस वर्ष धनतेरस से लेकर दीपावली तक तिथियों की ऐसी स्थिति बनी है जिससे आम लोगों में उलझन की स्थिति पैदा हुई है। दरअसल एक ही तिथि दो दिन आने से यह दिक्कत है। लेकिन कोई भी त्योहार दो दिन नहीं मनाया जा सकता इसके लिए शास्त्रों में कुछ नियम बनाए गए हैं। धनतेरस के बारे में शास्त्रों में बताया गया है कि कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान धनवंतरी सागर मंथन से प्रकट हुए थे इसलिए इसी दिन धनतेरस मनाया जाना चाहिए। लेकिन समस्या यह है कि त्रयोदशी तिथि दो दिन है। इस तरह की स्थिति आने पर शास्त्रों में बताए गए नियम के अनुसार जिस दिन शाम के समय त्रयोदशी यानी प्रदोष काल में त्रयोदशी हो उसी दिन धनतेरस की पूजा होनी चाहिए। इसी नियम की वजह से इस साल 12 नवम्बर गुरुवार को प्रदोष व्रत सहित धनत्रयोदशी यानी धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा । धन त्रयोदशी पर धन संपत्ति में स्थायित्व लाने के लिए स्थिर लग्न में पूजन करना शुभ रहता है। इस दिन शाम 5 बजकर 23 मिनट से रात 7 बजकर 20 मिनट तक वृष लग्न रहेगा व रात्रि 11/52 से 2/5 तक सिंह लग्न है यह समय पूजन के लिए सर्वोत्तम रहेगा। ऐसे धनतेरस का पूजन पूरे दिन किया जाएगा। विशेष स्थिर लग्न में धनतेरस पर सोना, चांदी और स्थायी संपत्ति की खरीददारी के लिए भी यह समय सबसे उत्तम है। ऐसे पुरे दिन खरीदारी होगी। अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस के दिन घर के प्रमुख द्वार पर बाहर की ओर चार बातियों का दीपदान करना चाहिए। रात में इस दिन आरोग्य के लिए भगवान धन्वंतरि और कुबेर के साथ मां लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए। साथ ही भगवती लक्ष्मी को नैवेद्य में धनिया, गुड़ व धान का लावा अवश्य अर्पित करना चाहिए। नरक चतुर्दशी एवं हनुमत् जयन्ती 13 नवंबर को होगा। शनिवार को दिन में 1 बजकर 49 मिनट के बाद अमावस्या तिथि प्रारम्भ हो जाएगी। अतः दीपावली का प्रसिद्ध पर्व 14 नवम्बर को मनाया जाएगा। लक्ष्मी पूजन के लिए विशेष मुहूर्त दिन में कुम्भ लग्न 12/37 से 2/9 बजे तक, वृष लग्न सायं प्रतोष 5/16 से 7/13 बजे तक, महानिशा रात्रि में सिंह लग्न 11/44 से 1/58 बजे के मध्य तक,
12 नवम्बर को धनतेरस, 13 को नरक चतुर्दशी एवं हनुमत् जयन्ती,14 को दीपावली,16 को भ्रातृ द्वितीया (भैया दूज)16 नवम्बर सोमवार को है।
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