सुप्रसिद्द कवि के घर को बंदरों के एक परिवार ने किया कब्ज़ा, प्रशासन ने खड़े किये हाँथ

सुप्रसिद्द कवि के घर को बंदरों के एक परिवार ने किया कब्ज़ा, प्रशासन ने खड़े किये हाँथ

Reported By BORDER NEWS MIRROR
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सागर सूरज  मोतिहारी: बंदरों के आतंक से बलुआ टाल में रहने वाले एक परिवार की ना केवल दिपावली ख़राब हो गयी बल्कि पिछले चार दिनों से इस परिवार के सभी सदस्य भय और आतंक में जीने को विवश है। मामले में वन विभाग के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन ने भी अपने हांथ खड़े कर दिए है। मामला […]

सागर सूरज

 मोतिहारी: बंदरों के आतंक से बलुआ टाल में रहने वाले एक परिवार की ना केवल दिपावली ख़राब हो गयी बल्कि पिछले चार दिनों से इस परिवार के सभी सदस्य भय और आतंक में जीने को विवश है। मामले में वन विभाग के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन ने भी अपने हांथ खड़े कर दिए है।

मामला चाँदमारी  रोड में भारत पेट्रोलियम के सामने स्थित अलमस्त निवास से जुड़ा है जहाँ प्रसिद्द कवि सह साहित्यकार स्व. रामदेव दुबे ‘अलमस्त’ के घर के एक कमरे को बंदरों के एक परिवार ने गत चार दिन पूर्व जबरन अपने कब्जे में ले लिया है। भगाने के प्रयास में अलमस्त की पंचानवे वर्षीय विधवा लालपरी कुंवर को बंदरों ने बुरी तरह घायल कर दिया, यही नहीं परिवार के एक अन्य महिला सदस्य को भी बन्दरों ने घायल कर दिया सबों का इलाज़ स्थानीय सदर अस्पताल में चल रहा है।

गौरतलब है कि ये बंदरों का परिवार लालपरी कुंवर के दामाद के एक कमरे को पूरी तरह कब्जे में ले लिया है वही जब-जब इनको भूख लगती है, वे जबरदस्ती परिवार के सदस्यों से भोजन छीन कर ले जा रहे है, पुरुष सदस्य जहाँ भाग खड़े हुए है वही परिवार की महिला सदस्य अपने- अपने कमरे में बंद होकर भूखे-प्यासे पड़े हुये है

दामाद अमरनाथ पाण्डेय ने कहा कि जिला वन पदाधिकारी, सदर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार गुप्ता एवं सदर अनुमंडल पदाधिकारी प्रियरंजन राजू सहित कई अधिकारियों से परिवार वालों ने इन बदमाश बंदरों से  सुरक्षा की गुहार लगाई। बन विभाग का एक अधिकारी आया भी और इन बातों की जानकारी ले कर चलते बना।

डीएसपी अरुण गुप्ता ने भी थाने को इसकी जानकारी दी, परन्तु पुलिस के तरफ से भी इस परिवार को कोई राहत अब तक नहीं मिली तो एसडीओ राजू को परिवार के सदस्यों ने फोन किया तो वहां से अस्वासन मिला की उन्हें जल्द सहयोग दिया जायेगा।

इधर जिला वन पदाधिकारी प्रभाकर झा ने कहा कि जब तक इन बंदरों को खाना और पानी मिलता रहेगा, वे वहां से हटेंगे नहीं इसलिए परिवार वाले इन बंदरों को भोजन और पानी से अलग रखे जब उन्हें भूख लगेगी तो भोजन की तलाश में वे खुद चले जायेंगे।

इधर घर वालों ने बताया कि एक बंदरिया गर्भवती है जो एडवांस स्टेज में दिख रही है, ऐसे में मानविय आधार पर गलत तरीके से बंदरों के इस परिवार को बाहर करना अच्छा नहीं है। वन विभाग चाहे तो तरीके से इन्हें बाहर कर सकता है 

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