
साथ नहीं देते नीतीश तो 2015 में मिट गया होता राजद का वजूद : गिरिराज सिंह
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बेगूसराय। बिहार सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होकर राजद समेत पूरे विपक्ष ने लोकतांत्रिक परंपरा का अपमान किया है। विधानसभा सत्र में सदन में मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार ही रहेंगे तो क्या राजद समेत समूचा विपक्ष सदन में नहीं जाएगा। यह बात बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह […]
बेगूसराय। बिहार सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होकर राजद समेत पूरे विपक्ष ने लोकतांत्रिक परंपरा का अपमान किया है। विधानसभा सत्र में सदन में मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार ही रहेंगे तो क्या राजद समेत समूचा विपक्ष सदन में नहीं जाएगा। यह बात बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बुधवार को बेगूसराय के बीहट में आयोजित प्रेस वार्ता में कही। गिरिराज सिंह ने कहा कि 2015 में नीतीश कुमार अगर राजद के साथ नहीं जाते तो आज तक उसका वजूद मिट गया होता लेकिन वजूद बचाने वाले नेता का ही राजद विरोध कर रहा है।
उन्होंने कहा कि सीमांचल में असदुद्दीन ओवैसी के और मध्य बिहार में जीते माले के विधायकों से खतरा काफी बढ़ गया है। इससे सामाजिक समरसता की विश्वसनीयता पर संकट पैदा हो गया है। सीमांचल में जीते ओवैसी के विधायक जहां लोकतंत्र के लिए खतरा हैं वहीं, मध्य बिहार में माले के विधायक के जीतने से किसान चिंतित हैं। इसके लिए सतर्कता बरतनी होगी, उस पर नकेल कसना होगा। नई सरकार से युवाओं की काफी अपेक्षायें हैं उस पर खरा उतरना सरकार का मुख्य उद्देश्य होगा। बेगूसराय में एनडीए को मात्र दो सीट पर विजय मिली, इसके लिए दोनों दल के नेताओं को समीक्षा करनी होगी।
गिरिराज सिंह ने कहा कि राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के गांव सिमरिया और प्रमुख तीर्थ स्थल सिमरिया घाट को विकसित किया जाएगा। सिमरिया गांव को साहित्य का तीर्थ और सिमरिया घाट को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने का उनका प्रयास है। इससे पहले गिरिराज सिंह ने सिमरिया में सिद्धाश्रम में स्थित माता काली मंदिर में पूजा की तथा स्वामी चिदात्मन जी से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान चिदात्मन जी की सिमरिया घाट को जानकी पौड़ी के रूप में विकसित करने की मांग पर उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य एवं केंद्र सरकार के समक्ष आवाज उठाकर हर संभव प्रयास करेंगे।
इसके बाद गिरिराज सिंह ने अधिकारियों की टीम के साथ छठ को लेकर गंगा घाट का जायजा लिया तथा अधिकारियों को समय पर बेरिकेडिंग एवं लाइट की व्यवस्था पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रशासन छठ में कोरोना के नाम पर जबरदस्ती नहीं करे, लोगों के विवेक पर छोड़ दे। हालांकि उन्होंने लोगों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए छठ करने की अपील भी की ।
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