सूरज बनना चाहते हैं तो सूरज की तरह जलना भी होगा: सीडीएस विपिन रावत

सूरज बनना चाहते हैं तो सूरज की तरह जलना भी होगा: सीडीएस विपिन रावत

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गोरखपुर। सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक समारोह में शुक्रवार को सन्देश दिया कि असफलता से हताश न हों। अपनी कमियों को दूर कर सफल बनें। अगर सूरज बनना चाहते हैं तो सूरज की तरह जलना भी होगा। टीम वर्क का हमेशा ध्यान रखे और ‘मैं’ नहीं […]
गोरखपुर। सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक समारोह में शुक्रवार को सन्देश दिया कि असफलता से हताश न हों। अपनी कमियों को दूर कर सफल बनें। अगर सूरज बनना चाहते हैं तो सूरज की तरह जलना भी होगा। टीम वर्क का हमेशा ध्यान रखे और ‘मैं’ नहीं ‘हम’ की भावना का विकास करें।
उन्होंने इस मौके पर कहा कि आप जितनी उन्नति करेंगे, देश की भी उतनी ही तरक्की होगी। ईमानदारी और मेहनत के साथ अपनी सोच को हमेशा ऊपर रखिये। आप जब आगे बढ़ेंगे तो बाधाएं भी आएंगी। मुश्किलों को पार करके आपको आगे बढ़ना है। हम सभी में कुछ गुण होते हैं और कुछ अवगुण भी होते हैं। हमें अपने गुणों को आगे रखना है और अवगुणों को पीछे। अपनी ताकत की पहचान कर आगे बढ़ना है। असफलता से हताश नहीं होना चाहिए। अपनी कमियों को दूर करके सफल बनने की कोशिश करनी चाहिए। अगर सूरज बनना चाहते हो तो सूरज की तरह जलना भी होगा। टीम वर्क का हमेशा ध्यान रखकर ‘मैं’ नहीं ‘हम’ की भावना का विकास करें।
सीडीएस रावत ने कहा कि समारोह में रंग-बिरंगे लिबास में उपस्थित बच्चों को देखकर मुझे भी स्कूल के दिनों की याद ताजा हो गई। हमारे समय का स्कूली प्रशिक्षण आजकल के प्रशिक्षण से अलग था। हमारे पास टेक्नोलॉजी के साधन नहीं थे। उन्होंने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के बारे में कहा कि भारतीय संस्कृति को ध्यान में रखकर बनाई गई इस संस्थान की शिक्षण प्रणाली सराहनीय है। आप छात्र भी भाग्यशाली हैं जो इस शिक्षा प्रणाली का हिस्सा है। हमारे देश पर कई सौ वर्षों तक विदेशियों का कब्जा रहा जिससे विचारधारा में अंतर आया। 
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि जब हम अपनी पहचान को लौटाकर अपनी संस्कृति पर जोर दें और अपनी शिक्षण संस्थाओं को अपनी संस्कृति से जोड़ कर रखें। आज हम अगर सफल मंच पर पहुंचे हैं तो इसका श्रेय शिक्षकों को जाता है। आज के समय में नॉलेज और एजुकेशन के बीच के अंतर को समझना होगा। जीवन में एक सही व्यक्ति को ही अपना आदर्श चुनें। हमारा देश एक नए भारत के तौर पर उभर कर सामने आ रहा है। देश की उन्नति आप छात्रों की कार्य शैली पर निर्भर है। 

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