अजब पुलिस की गजब शैली यानी पटना पुलिस

अजब पुलिस की गजब शैली यानी पटना पुलिस

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पटना। राजधानी पटना में अपराधियों का कहर जारी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बढ़ते अपराध को लेकर चिंतित हैं। लगातार समीक्षा कर रहे हैं। पुलिस को अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दे रहे हैं। लेकिन पटना पुलिस पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा। वह मनमाने तरीके से काम कर रही है। बड़ी घटना […]
पटना। राजधानी पटना में अपराधियों का कहर जारी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बढ़ते अपराध को लेकर चिंतित हैं। लगातार समीक्षा कर रहे हैं। पुलिस को अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दे रहे हैं। लेकिन पटना पुलिस पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा। वह मनमाने तरीके से काम कर रही है। बड़ी घटना के बाद भी पुलिस आरोपी को छोड़ देती है और मामूली विवाद में आरोपी को जेल भेज दिया जाता है। इसकी एक बानगी एर दिसंबर की शाम कोतवाली थाने में देखने को मिली।
बेली रोड में बीच सड़क पर पहले लड़की से छेड़खानी फिर जमकर मारपीट होता है। मामले की सूचना मिलने  पुलिस घटनास्थल पर पहुंचती है और आरोपी को पकड़कर थाना ले आती है। पकड़े गए तीन आरोपियों में एक पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युजंय सिंह का बेटा अभिनव सिंह भी था। इसकी सूचना मिलने पर  पुलिस के अधिकारी पहले तो पूरे मामले को रफा- दफा करने का प्रयास करते हैं। लेकिन, पीड़ित राहुल रंजन के अड़ जाने पर पुलिस ने सिर्फ मार पीट का मामला दर्ज कर आरोपी को छोड़ दिया। राहुल रंजन ने इस संवाददाता को बताया की प्राथमिकी में वह छेड़खानी का मामला भी दर्ज कराना चाहता था, लेकिन पुलिस ने दबाव डालकर छेड़खानी की बात प्राथमिकी से हटवा दिया।  इस मामले में कोतवाली पुलिस का कहना है कि जो वास्तविक घटना थी वही एफआईआर में दर्ज की गई है। दोनों के बीच मामूली विवाद हुआ था। इसी वजह से  पुलिस ने आरोपी अभिनव सिंह को थाना से ही जमानत दे दी।  
ऐसा ही एक मामला करीब दस दिन पहले  पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र के एग्जीविशन रोड का है। भाजपा की एक महिला प्रदेश मंत्री की गाड़ी ने एक युवक को कुचल दिया। जिससे युवक गंभीर रूप से जख्मी हो गया। मामले की सूचना मिलने पर एक साथ गांधी मैदान और यातायात पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। पहले तो पुलिस ने गाड़ी चालक को हड़काया और घटना से आक्रोशित लोगों के साथ मिलकर पूरे मामले में एफआईआर भी करवाने की बात कहकर हंगामा कर रहे लोगों को शांत करवा दिया। लेकिन, कुछ देर बाद फोन आते ही उनके सुर बदल गए और वे भाजपा की प्रदेश मंत्री की वकालत करते हुए पीड़ित परिवार को समझौता करने के लिए दबाव बनाने लगे।
यह बात पटना यातायात थाना प्रभारी भी स्वीकार करते हैं कि दोनों पक्षों के बीच समझौता होने के कारण कोई मामला दर्ज नहीं हो पाया। जबकि , घटना के संबंध में स्थानीय लोगों का कहना है कि युवक मोबिल का कार्टून लेकर जा रहा था। इसी दौरान तेज गति से आ रही भाजपा नेत्री की गाड़ी ने उसे कुचल दिया। जिससे युवक जख्मी हो गया था। पीड़ित के बार बार कहने पर भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। 

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