जल जीवन हरियाली के बिना जीवन कल्पना है, अधुरा: डीएम

जल जीवन हरियाली के बिना जीवन कल्पना है, अधुरा: डीएम

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बेतिया। जिलाधिकारी, कुंदन कुमार ने कहा कि जल और हरियाली के बिना जीवन की कल्पना अधुरा है। जल और हरियाली की सुरक्षा हेतु सभी को संकल्पित होकर जल-जीवन-हरियाली अभियान का क्रियान्वयन तीव्र गति से कराना होगा। जल-जीवन-हरियाली अभियान अति महत्वपूर्ण योजना है। इस अभियान की सफलता हेतु जन-जन को जागरूक करना होगा। साथ ही जल-जीवन-हरियाली […]

बेतिया। जिलाधिकारी, कुंदन कुमार ने कहा कि जल और हरियाली के बिना जीवन की कल्पना अधुरा है। जल और हरियाली की सुरक्षा हेतु सभी को संकल्पित होकर जल-जीवन-हरियाली अभियान का क्रियान्वयन तीव्र गति से कराना होगा। जल-जीवन-हरियाली अभियान अति महत्वपूर्ण योजना है।

इस अभियान की सफलता हेतु जन-जन को जागरूक करना होगा। साथ ही जल-जीवन-हरियाली अभियान के अवयय-वैकल्पिक फसलों, टपकन सिंचाई, जैविक खेती सहित नई तकनीक का प्रयोग करने हेतु किसानों को जागरूक, प्रेरित तथा, प्रोत्साहित करना होगा। जिलाधिकारी समाहरणालय सभाकक्ष में जल-जीवन-हरियाली अभियान अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की गहन समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ते हुए जल-जीवन-हरियाली अभियान का क्रियान्वयन किया जाता रहा है, यह अत्यंत ही सराहनीय है। अब आवश्यकता है की जल-जीवन-हरियाली अभियान का क्रियान्वयन तीव्र गति से कराया जाय ताकि जलवायु परिवर्तन से होनेवाले दुष्प्रभावों को कम किया जा सके। बैठक में सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं यथा-तालाबों, पोखरों, नहरों आदि को चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त करना तथा इनका जीर्णोद्धार कराना, पहाड़ी क्षेत्रों में जल संग्रहण क्षेत्रों में चेक डैम एवं जल संचयन संरचना का निर्माण, नए जल स्रोतों का सृजन एवं अधिशेष नदी जल क्षेत्र से जल की कमी वाले क्षेत्र में जल ले जाना, वृक्षारोपण कार्य, सौर ऊर्जा उपयोग को प्रोत्साहन एवं ऊर्जा की बचत करने हेतु किये जा रहे कार्यो की गहन समीक्षा की गई। उप विकास आयुक्त द्वारा बताया गया कि 304 तालाबों, पोखरों, आहरों तथा पइनों को अतिक्रमणमुक्त करा लिया गया है। साथ ही 1104 तालाबों, पोखरों, आहरों तथा पइनों का जीर्णोद्धार कराया जा चुका है, शेष का जीर्णोद्धार शीघ्र ही करा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 371 कुँआ का जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण हो गया है। साथ ही सार्वजनिक कुँआ, चापाकलों, नलकूपों के किनारे कुल 1439 सोख्ता, रिचार्ज एवं अन्य जल संचयन संरचना का निर्माण पूरा हो गया है। वहीं 324 नए जल स्रोतों का सृजन किया गया है। विभिन्न भवनों की छतों पर 353 वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का अधिष्ठापन करा दिया गया है। उक्त कार्यक्रम में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का क्रियान्वयन बेहतर परफॉर्मेंस वाले सहायक निदेशक, उद्यान, विवेक भारती, प्रखंड उद्यान पदाधिकारी, रामनगर, हेम चंद्र आर्या सहित कृषक, राणा विजय सिंह को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, रवींद्रनाथ प्रसाद सिंह, निदेशक, डीआरडीए, राजेश कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, विजय प्रकाश, जिला मत्स्य पदाधिकारी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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